व्यापारियों ने लगाया जाम।
नमामि गंगे में घोटाले का लगाया आरोप
गिरीश गैरोला
गंगा यमुना के उदगम उत्तरकाशी मुख्यालय के जोशियाड़ा में सीवर की गंदगी सड़कों पर बहते हुए लोगों के घरों में घुसने लगी , जिसके बाद पैदल चलने वाले तो परेशान हुए ही वाहन चालक भी जाम में फंस गए।
गुस्साए व्यापारियों ने ग्राम प्रधान को साथ लेकर चक्का जाम कर दिया। जिसके बाद हरकत में आये प्रशासन ने तहसीलदार को मौके पर भेजा। इस बीच गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई के अधिकारी और नगर पालिका के अधिशाषी अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए। तत्काल मौके पर पर पानी का टैंकर बुलाकर नालियां और सड़क को साफ करवाया गया। फिलहाल लोग शांत हो गए है।
किन्तु वर्ष 2003 से बजट के अभाव में रुकी पड़ी सीवर लाइन पर नमामि गंगे में बजट का यही हाल होगा तो आगे नजारा दिलचस्प होगा।
विभागीय अवर अभियंता सुरेश गुसाईं ने बताया कि एनआईएम बैंड गौतम होटल से पम्पिंग स्टेशन भागीरथी पैलेस के पास तक सीवर लाइन का निर्माण हुआ है। जिस पर रात के समय किसी उपभोक्ता द्वारा अधिक मात्रा में सीवर लोड किये जाने से लाइन चोक हो गयी थी, जिसे चेक करते हुए कर्मचारी नीचे की तरफ आ रहे थे । नाज ब्यूटी पार्लर के पास लाइन ओवर फ्लो होकर बहने लगी थी जिसे अब ठीक किया जा रहा है।
जोशियाड़ा के व्यापारी अजीत गुसाईं ने विभाग पर बजट हड़पने का आरोप लगाते हुए कहा कि नामामि गंगे परियोजना में जमकर लूट खसोट की जा रही है। गंगा और यमुना में उदगम से ही उसमे सीवर डाला जा रहा है । जिस गंगा जल को लोग आचमन करते है और शिवलिंग में अभिषेक करते है इतना ही नही अंतिम समय में मोक्ष की कामना से अपने साथ ले जाते हैं। उन्होंने बताया कि विभाग के अधिकारियों ने बिना पूर्व सूचना के सड़कों पर सीवर की गंदगी फैलाई जिस पर व्यापारियों द्वारा आपत्ति जताई जाने पर विभाग की अधिशाषी अभियंता शशि राणा ने दबंगता दिखाते हुए बात सुनने से ही इनकार कर दिया, जिसके बाद मजबूर होकर व्यापरियों को चक्का जाम करना पड़ा।