कमल जगाती, नैनीताल
उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने श्रीनगर स्थित सुमाड़ी में एन.आई.टी.के स्थायी कैंपस के लिए भूमि चयन करने
के लिए केंद्र सरकार को तीन माह का समय दिया है। खण्डपीठ ने कहा कि एन.आई.टी.के इस वर्ष के प्रथम बैच के बच्चों को इस वर्ष श्रीनगर स्थित कैंपस में प्रवेश दिया जाएगा जिसके लिए राज्य सरकार व्यवस्था कर ले।
आज मामले में सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायधीश रमेश रंगनाथन और न्यायमूर्ति एन.एस.धनिक की खंडपीठ ने राज्य सरकार को प्रथम वर्ष छात्रों के बैच को श्रीनगर में बने एन.आई.टी.कैंपस में एडमिशन देते हुए राज्य सरकार से पूरी व्यवस्था करने को कहा है। खण्डपीठ ने सरकार को आई.आई.टी.रुड़की से सलाह मशवरा करने को कहा है और निदेशक आई.आई.टी.रुड़की से 30 जून तक एन.आई.टी.श्रीनगर पर विस्तृत रिपोर्ट पेश करने को कहा है। न्यायालय ने 27 मार्च को दिए अपने आदेश, जिसमे उन्होंने केंद्र सरकार को एन.आई.टी.कैंपस के लिए 4 में से एक जगह चिन्हित करने को कहा था उसे भी वापस ले लिया है।
मामले के अनुसार एन.आई.टी.के पूर्व छात्र जसवीर सिंह ने जनहित याचिका दायर कर न्यायालय से कहा था कि केंद्र ने उत्तराखंड के लिए एन.आई.टी.जैसा प्रातिष्टित संस्थान दिया है । जिसे जगह की किल्लत के चलते राज्य से बाहर राजस्थान में शिफ्ट करने की तैयारी पूरी हो गई है।
आज मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने केंद्र सरकार को सुमाड़ी में एन.आई.टी. कैंपस के लिए भूमि चिन्हित कर तीन माह में निर्णय लेने को कह दिया है। मामले में अगली सुनवाई अब एक जुलाई को होगी।