व्यापारियों का इंतजार करता रहा हॉट बाजार
धरने पर डटे रहे पीड़ित व्यापारी।
अतिक्रमण के खिलाफ एकतरफा कार्यवाही से नाराज व्यापारी धरने पर।
गिरीश गैरोला
उत्तरकाशी के ज्ञानसू में वेडिंग पॉइंट पर जिला प्रशासन द्वारा लगाया गया हाट बाजार एक ही दिन में फ्लॉप शो साबित हुआ। व्यापारियों द्वारा यहाँ अरुचि दिखाए जाने के बाद स्वयं सहायता समूह को अपने उत्पाद के साथ यहां बुलाया तो गया किन्तु एक दिन देखने के बाद अगले दिन वे भी चलते बने।
डीएम उत्तरकाशी डॉ आशीष चौहान ने ज्ञानसू झील के पास बड़ोनी वेडिंग पॉइंट में शनिवार और रविवार को वीकेंड हाट बाजार लगाकर नगर के ठेली फड़ व्यापारियों को राहत देने के लिए प्रयोग किया था, जिसे व्यापारियों ने नकार दिया है। गौरतलब है कि बाजार में अतिक्रमण हटाने के अभियान में कुछ लोगों को बिना समय दिए उनके दुकानों को अतिक्रमण की जद में मानकर हटा दिया गया। हॉस्पिटल चौक से विश्वनाथ चौक पर अतिक्रमण हटाने के बाद अचानक अभियान रोक दिया गया। जिसके बाद नाराज ये व्यापारी जिला प्रशासन की एक तरफ कार्यवाही को स्थानीय लोगों के साथ दोहरी नीति बताते हुए धरने पर बैठ गए हैं। पीड़ित व्यापारी राजेश उनियाल ने वैकल्पिक हाट बाजार को प्रशासन का हट करार देते हुए इसे प्रशासन की नाकामी बताया है।
उन्होंने कहा कि वे सभी पीड़ितों के साथ धरना छोड़ अपने अपने गांव वापस लौटने को तैयार हैं। बशर्ते प्रशासन पालिका इलाके में एक समान कार्यवाही करते हुए सभी अतिक्रमण हटाने की हिम्मत दिखाये।
जिला प्रशासन द्वारा पीड़ितों को बसाने के लिए तय किये गए स्थान को भी पीड़ितों के साथ भद्दा मजाक करार देते हुए पीड़ितों ने कहा कि डीएम द्वारा निर्धारित स्थान देखने के लिए जब पीड़ित मौके पर पहुंचे तो उन्हें वहां भूमिधरों के विरोध का सामना करना पड़ा। पीड़ितों ने आरोप लगाया कि जिस स्थल पर उन्हें बसाने की बात कहीं जा रही है, वहाँ अभी तक धन ही स्वीकृत नही हुआ है और वहाँ मार्किट बनने तक तो उनका परिवार भूखों मरने की कगार पर पहुंच जाएगा। इसके अलावा बिना फीस के बच्चों के स्कूल भी प्रभावित होने लगे हैं।
उधर ज्ञानसू वेडिंग पॉइंट में लगाये गए हाट बाजार में दोपहर तक केवल दो ही व्यापारी अपना सामान लेकर पहुंचे थे, जिनमे से एक भुवनेश्वरी महिला आश्रम से जूस और आचार और चटनी लेकर पहुंची थी, जबकि दूसरी आई एल एस पी की तरफ से।
खैर पहले दिन शनिवार उद्घाटन के मौक़े पर डीएम के साथ पहुँचे सरकारी कर्मचारियों ने थोड़ी बहुत खरीददारी की और शाम के समय जरूर कुछ स्थानीय सब्जी के खरीददार मौके पर पहुंचे, किन्तु अगले दिन न तो व्यापारी पहुँचे और न खरीददार। पूछने पर लोगों ने बताया कि एक तो पर्याप्त प्रचार प्रसार नही किया गया दूसरे जगह का चयन ही गलत हुआ है।
पूरी घटना में जो कुछ चल रहा है, उससे साफ है कि जो टूट गया वो सड़कों पर आ गया और जो बच गया वो और मजबूत होने की तैयारी में है। कुछ भी हो बिना कार्ययोजना के जिला प्रशासन की इस कार्यवाही के बाद शांत नगर में अंदर ही अंदर सुलग रही नाराजी कभी भी फुट सकती है। जिसमे गेंहू के साथ घुन का पिसना भी तय है।