पर्वतजन
  • Home
  • उत्तराखंड
  • सरकारी नौकरी
  • सरकारी योजनाएं
  • इनश्योरेंस
  • निवेश
  • ऋृण
  • आधार कार्ड
  • हेल्थ
  • मौसम
No Result
View All Result
  • Home
  • उत्तराखंड
  • सरकारी नौकरी
  • सरकारी योजनाएं
  • इनश्योरेंस
  • निवेश
  • ऋृण
  • आधार कार्ड
  • हेल्थ
  • मौसम
No Result
View All Result
पर्वतजन
No Result
View All Result

Home पर्वतजन

आय प्रमाण पत्र की ऐसी बाध्यता!

October 8, 2016
in पर्वतजन
ShareShareShare
Advertisement
ADVERTISEMENT

गरीबों की औसत मासिक आय का निर्धारण केंद्र सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक न होने से उत्तराखंड के गरीब लोगों को भुगतना पड़ रहा है खामियाजा

महेशचन्द्र पंत/रुद्रपुर

उत्तराखंड में गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले परिवारों की आय का पुनर्निर्धारण न होने से हजारों युवाओं को केंद्र सरकार से वित्त पोषित योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है, जिसके लिए उत्तराखंड सरकार को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।
भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने अपने पत्रांक ११०९९/३/२०१८ दिनांक २६-०८-२०१३ के अनुसार विभिन्न प्रदेशों के लिए गरीबी अनुमान का निर्धारण कर एक सारिणी जारी की। जिसमें ५ व्यक्ति के परिवार को इकाई मानते हुए प्रति व्यक्ति मासिक औसत का निर्धारण किया गया है।
उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य ने दिसंबर २०१५ को प्रति व्यक्ति औसत आय निर्धारण संबंधी शासनादेश लागू कर गरीबी रेखा का पुनर्निर्धारण कर दिया है, ताकि भारत सरकार के माध्यम से विशेष केंद्रीय सहायता योजनाओं का भरपूर लाभ अधिक से अधिक परिवारों को मिल सके।
यूपी हमसे आगे
उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र व शहरी क्षेत्र में निवास करने वाले गरीबी रेखा के परिवार की वार्षिक आय क्रमश: रुपए ४६०८० व रुपए ५६४६० वार्षिक अर्थात् प्रति व्यक्ति ग्रामीण क्षेत्र में रु. ७६८ व शहरी क्षेत्र में रु. ९४१ मासिक निर्धारित कर दिया गया है। उत्तर प्रदेश सरकार की इस पहल से प्रदेश के हजारों परिवार गरीबी रेखा की श्रेणी में आ गए हैं व उन्हें केंद्रीय योजनाओं का लाभ मिलने लगा है। उत्तराखंड सरकार अभी तक भी इसका लाभ नहीं उठा पाई है और आंखें मूंदे हुए है।
उत्तराखंड उपेक्षित
सारिणी में उत्तराखंड के गरीब परिवारों की आय का निर्धारण ग्रामीण क्षेत्र के लिए रु. ८८० व शहरी क्षेत्र के लिए रु. १०८२ मासिक किया गया है, जो कि ग्रामीण क्षेत्र के लिए ५२८०० रुपए व शहरी क्षेत्र के लिए ६४९२० रुपए वार्षिक होती है।
उत्तराखंड में अभी भी वर्षों पूर्व निर्धारित आय के अनुसार ही आय प्रमाण पत्र जारी किए जा रहे हैं। जिसके अनुसार उत्तराखंड में गरीबी रेखा के परिवार की वार्षिक आय ग्रामीण क्षेत्र में रु. १५९७० अर्थात प्रति व्यक्ति लगभग रु. २६६ है व शहरी क्षेत्र में २१२०६ वार्षिक अर्थात ३५४ मासिक प्रति व्यक्ति है। इतनी कम आय के प्रमाण पत्र राजस्व विभाग जारी नहीं कर रहा है, क्योंकि श्रमिकों को प्रतिदिन निर्धारित वेतन के मानकों से बहुत कम मिल रहा है।
विशेष केंद्रीय सहायता केंद्रीय योजनाओं को लागू कर अधिक से अधिक परिवारों को आच्छादित किया जा सकता था। ऐसा न करने से सरकार की कार्यशैली व इच्छाशक्ति पर सवाल उठना स्वाभाविक है।
नहीं मिल रहा लाभ
आय प्रमाण पत्र न मिलने के कारण अनुसूचित जाति, जनजाति की स्वरोजगार योजनाएं व गौरा देवी व नंदा देवी कन्या धन योजना प्रभावित हो रही है। यहां तक कि लक्ष्य पूर्ति नहीं हो पा रही है।
जिला ऊधमसिंहनगर में वर्ष २०१५-१६ में अनुसूचित जाति व जनजाति हेतु स्वरोजगार योजना के अंतर्गत निर्धारित लक्ष्य २०० के सापेक्ष ११० पात्रों को ही पूर्ण होना, इसका जीता-जागता उदाहरण है। गौरा देवी कन्या धन योजना में आय प्रमाण पत्र की बाधा आड़े आ रही है, जिससे कई छात्राएं निराश हैं व आवेदन पत्र लेकर इधर-उधर भटक रही हैं।
गौरा देवी कन्या धन योजनाओं के माध्यम से अनुसूचित जाति, जनजाति की छात्राओं को लाभ दिलाने की बड़ी-बड़ी घोषणाएं की जा रही हैं। दूसरी ओर आय प्रमाण पत्र संबंधी बैरिकेटिंग लगाकर उनकी भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।
उत्तराखंड सरकार ने वृद्धा, परित्यक्ता महिला, निराश्रित, विधवा के लिए मासिक आय रु. ४ हजार अर्थात ४८ हजार रुपए वार्षिक निर्धारित की है। तब छात्राओं व अनुसूचित जाति व जनजाति के परिवारों के साथ बेरुखी क्यों?
उत्तराखंड में भी केंद्र सरकार द्वारा घोषित आय पुनर्निर्धारण को लागू करने से विसंगतियों को दूर किया जा सकता था, जिससे हजारों परिवार लाभान्वित होते, लेकिन जनहित के ऐसे मामले में उत्तराखंड सरकार सोई रही, जबकि उत्तर प्रदेश ने पहल कर बड़ी संख्या में गरीबी रेखा के परिवारों को आच्छादित कर दिया है।
समय रहते उत्तराखंड सरकार केंद्र सरकार द्वारा संचालित सामुहिक हित की योजनाओं को यदि उत्तराखंड की जनता को दिला पाती तो निश्चित ही इसका लाभ सरकार को आगामी विधानसभा चुनाव में मिलने की संभावना है। अन्यथा सरकार को इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ सकता है।

उत्तराखंड में अभी भी वर्षों पूर्व निर्धारित आय के अनुसार ही आय प्रमाण पत्र जारी किए जा रहे हैं। जिसके अनुसार उत्तराखंड में गरीबी रेखा के परिवार की वार्षिक आय ग्रामीण क्षेत्र में रु. 15970 अर्थात प्रति व्यक्ति लगभग रु. 266 है व शहरी क्षेत्र में 21206 वार्षिक अर्थात 354 मासिक प्रति व्यक्ति है। इतनी कम आय के प्रमाण पत्र राजस्व विभाग जारी नहीं कर रहा है।


Previous Post

420 मास्टरों पर दरियादिली!

Next Post

एक्युरेट मीटर घोटाला

Next Post

एक्युरेट मीटर घोटाला

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *






पर्वतजन पिछले २3 सालों से उत्तराखंड के हर एक बड़े मुद्दे को खबरों के माध्यम से आप तक पहुँचाता आ रहा हैं |  पर्वतजन हर रोज ब्रेकिंग खबरों को सबसे पहले आप तक पहुंचाता हैं | पर्वतजन वो दिखाता हैं जो दूसरे छुपाना चाहते हैं | अपना प्यार और साथ बनाये रखिए |
  • बड़ी खबर: सीएम धामी इस दिन पहुंचेंगे पुरोला । विकास योजनाओं का करेंगे शिलान्यास व लोकार्पण..
  • बड़ी खबर: उत्तराखंड के 13 जिलों में शिक्षा सुधार की कमान संभालेंगे नोडल अधिकारी।
  • बड़ी खबर: बस अड्डे के शौचालय में महिला ने दिया शिशु को जन्म। मचा हड़कंप ..
  • श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर का 300 बंदियों ने उठाया लाभ
  • क्राइम: पोकलेन ऑपरेटर ने युवक को कुचलकर की निर्मम हत्या। आरोपी फरार..
  • Highcourt
  • इनश्योरेंस
  • उत्तरप्रदेश
  • उत्तराखंड
  • ऋृण
  • निवेश
  • पर्वतजन
  • मौसम
  • वेल्थ
  • सरकारी नौकरी
  • हेल्थ
June 2025
M T W T F S S
 1
2345678
9101112131415
16171819202122
23242526272829
30  
« May    

© 2022 - all right reserved for Parvatjan designed by Ashwani Rajput.

No Result
View All Result
  • Home
  • उत्तराखंड
  • सरकारी नौकरी
  • सरकारी योजनाएं
  • इनश्योरेंस
  • निवेश
  • ऋृण
  • आधार कार्ड
  • हेल्थ
  • मौसम

© 2022 - all right reserved for Parvatjan designed by Ashwani Rajput.

error: Content is protected !!