बृहस्पतिवार देर शाम हुए जम्मू कश्मीर के पुलवामा आतंकी हमले में उत्तराखंड के उत्तरकाशी तथा उधम सिंह नगर के दो लाल भी शहीद हो गए। उत्तरकाशी जिले के चिन्यालीसौड़ बनकोट गांव के जांबाज जवान मोहनलाल रतूड़ी शहीद हो गए, तो वहीं उधमसिंह नगर के खटीमा के विरेंद्र सिंह भी शहीद हो गए।
खटीमा के मोहम्मदपुर भूरिया गांव निवासी वीरेंद्र सिंह सीआरपीएफ की 45 बटालियन में तैनात थे। आधिकारिक जानकारी के अनुसार इसमें सीआरपीएफ के 38 जवान शहीद हो गए हैं। उत्तराखंड में अपने दो जवान सपूतों को खोने से गम का माहौल है।
वीरेंद्र सिंह 2 दिन पहले ही ड्यूटी पर वापस लौटे थे। वीरेंद्र सिंह के बहनोई रामकिशन का कहना है कि वह 20 दिन की छुट्टी पर घर आए थे। शहीद वीरेंद्र सिंह के घर पर उनकी पत्नी रेणु, बड़ी बेटी राही( 5 साल) तथा ढाई साल का बेटा रेहान है। घटना की सूचना के बाद से खटीमा में शोक की लहर है।
उत्तरकाशी के शहीद मोहनलाल की पत्नी सरिता देवी सहित बच्चे और परिवार देहरादून में रहते हैं। वह 110 बटालियन मे तैनात थे। सूत्रों के अनुसार शहीद जवान मोहन लाल का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव बनकोट में लाया जा सकता है उत्तरकाशी में आज नागरिक संगठनों ने शहीदों की शहादत पर कैंडल मार्च का आयोजन रखा है।
शहीद जवानों की सूची
आतंकियों द्वारा किया गया यह एक बहुत बड़ा आत्मघाती आतंकी हमला है।यह घटना तब हुई, जब सीआरपीएफ का काफिला श्रीनगर जम्मू हाईवे पर अवंतीपुरा इलाके से गुजर रहा था।
जैश ए मोहम्मद के आतंकी ने 300 किलो विस्फोटक से भरी कार से सीआरपीएफ के काफिले पर टक्कर मार दी थी। इससे बस के परखच्चे उड़ गए।
सुरक्षा एजेंसियों ने इलाके में अलर्ट जारी कर दिया है। आतंकियों द्वारा किया गया यह हमला वर्ष 2016 में हुए उरी के बाद दूसरा बड़ा हमला है। जम्मू कश्मीर में सेना पर यह बीते 30 सालों में सबसे बड़ा हमला है।
गौरतलब है कि सुरक्षा एजेंसियों ने इस हमले के विषय में पहले ही अलर्ट जारी कर दिया था। अब इसकी जांच के लिए एनआईए की टीम गठित कर दी गई है। इस हमले में विश्व के सभी बड़े देश भारत के साथ खड़े हो गए हैं। उन्होंने इसकी निंदा करते हुए दुख जताया है। वहीं पाकिस्तान ने सफाई दी है कि उसका इस हमले में कोई हाथ नहीं है। इस हमले के बाद आतंकी मसूद अजहर और जैश ए मोहम्मद को प्रतिबंधित करने का दबाव पाकिस्तान पर बढ़ गया है।