धूमाकोट हादसे के दौरान पौड़ी मे संभागीय परिवहन अधिकारी के पद पर तैनात दिनेश चंद्र पठोई को बस हादसे का दोषी मानते हुए जीरो टॉलरेंस के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने देहरादून ला पटका है। देहरादून के संभागीय परिवहन अधिकारी सुधांशु गर्ग का ट्रांसफर पौड़ी कर दिया।
गौरतलब है कि देहरादून लाए गए दिनेशचंद्र पठोई इससे पहले भी लंबे समय तक देहरादून में ही तैनात रहे हैं। वह यहां पर एआरटीओ के पद पर तैनात थे तथा यहीं पर उनका प्रमोशन आरटीओ के पद पर किया गया था। कुछ समय पहले उनका ट्रांसफर पौड़ी हुआ तो धुमाकोट बस हादसे का दोषी मानते हुए उनका ट्रांसफर फिर से देहरादून कर दिया गया।
संभवतः मुख्यमंत्री जी को लगता है कि यह अधिकारी दुर्गम में सेवा देने के लायक बिल्कुल नहीं हैं। इसलिए उनकी देहरादून में पनिशमेंट पोस्टिंग की गई है। जनता में इस कड़े कदम की काफी प्रशंसा किए जाने की उम्मीद है।
लोगों का कहना है कि ओवरलोडिंग के कारण हुए बस हादसे में सीधे तौर पर सबसे जिम्मेदार अफसर के खिलाफ सबसे अंत में कार्यवाही हुई और कार्यवाही में उन्हें सजा देने के नाम पर देहरादून ट्रांसफर का इनाम दिया गया है।
इससे पहले ढाई महीने पहले ही रामनगर में तैनात हुई एआरटीओ नेहा झा को कोई गलती न होने पर भी निलंबित कर दिया गया था जबकि उन्होंने ढाई महीने के अपने कार्यकाल में कुल 813 चालान काटकर सरकार के खाते में ₹21लाख जमा कराए थे। गौरतलब है कि इनमे से धुमाकोट रूट पर ही 47 चालान काटे गए थे। उनकी कर्मठता की क्षेत्र में भी प्रशंसा होती थी और नियमों का पालन न करने वाले ड्राइवर उनसे खौफ खाते थे, किंतु उन्हें कर्मठता का इनाम यह मिला कि उन्हें सस्पेंड कर दिया गया।
इसी तरह से गढ़वाल कमिश्नर दिलीप जावलकर से भी गढ़वाल कमिश्नर का दायित्व वापस ले लिया गया, जबकि धुमाकोट बस हादसे में उनकी कोई सीधी भूमिका नहीं थी।
हालांकि CM के मीडिया कोऑर्डिनेटर दर्शन सिंह रावत ने इस मामले में स्पष्टीकरण देते हुए बताया कि यह एक रूटीन ट्रांसफर है और इसका धूमाकोट बस हादसे से कोई लेना देना नहीं है और ना ही यह क्षेत्र ट्रांसफर हुए आरटीओ से संबंधित है।