कमल जगाती, नैनीताल
आज जिलाधिकारी दीपक रावत की जरूरत महसूस हो रही है, जब उन्होंने रातभर खड़े होकर हलद्वानी से नैनीताल की बाधित सड़क खुलवाई थी । नैनीताल की टूटी मॉल रोड को भी ऐसे ही खड़ा होकर काम कराने वाले जिलाधिकारी की आवश्यकता है । मॉल रोड में सड़क निर्माण के नाम पर अबतक केवल एक रस्सी बांधी गई है और कुछ बल्ली और लकड़ी के फट्टे रखे गए हैं।
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आपको याद होगा, सन 2016 के अगस्त माह की वो रात जब पहाड़ से मलुवा आने से सैकड़ों यात्री हलद्वानी से नैनीताल आने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग 87 में फंस गए थे । तब जिलाधिकारी दीपक रावत ने सड़क को खोलने का महत्व देखते हुए खुद कमान संभाली और लोक निर्माण विभाग, आपदा प्रबंधन और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों को बुलाकर काम तेजी से करने की हिदायत दी । अंधेरा होने के कारण वहां काम में बाधा हो रही थी और रफ्तार भी धीमी हो रही थी। ऐसे में आपदा प्रबंधन की लाइट मंगवाई गई जिसके बाद काम तेजी से हो सका । अहम बात ये है कि युवा जिलाधिकारी दीपक रावत ने लापरवाही की संभावना को महसूस करते हुए खुद रातभर खड़े होकर सड़क से मलुवे को हटवाया था । सवेरे जब अखबारों में जिलाधिकारी ने खुद खड़े होकर सड़क खुलवाई की खबर छपी तो सभी लोगों ने उनकी भरपूर प्रशंसा की ।
नैनीताल की मॉल रोड में 18 अगस्त की शाम 5:30 बजे ऐसे ही भूस्खलन से लगभग 25 मीटर सड़क टूटकर झील में जा गिरी थी । दूसरे दिन सवेरे जिलाधिकारी, अपर जिलाधिकारी, एस.डी.एम. भूगर्भ वैज्ञानिक, एस.ई. पी.डब्ल्यू.डी., ई.ई. पी.डब्ल्यू.डी.के साथ नगर पालिका ई.ओ.व अन्य जिम्मेदार अधिकारी पहुँचे थे । तब जिलाधिकारी ने 19 अगस्त की सवेरे कहा था कि दो हफ्ते में सड़क को दुरुस्त कर दिया जाएगा । समाधान के रूप में तय किया गया की झील में चार इंच वाले कास्ट आयरन के हॉलो पाइप लगाकर पाइलिंग करेंगे, खंबे एक मीटर के अंतर पर लगाए जाएंगे । इनकी गहराई पानी से लगभग 6 मीटर नीचे जाकर पानी के 2 मीटर ऊपर तक पोल को रखा जाएगा और सभी को आपस मे जोड़ा जाएगा । पोल को जोड़ने के साथ ही ठोस सीमेंट की शटरिंग दीवार लगाई जाएगी । इसके बाद खाली छूटी जगह में गनी बैग(सैंड बैग), प्लम कंक्रीट से भरान किया जाना तय हुआ था।
ग्राउंड जीरो पर अगर नजर डालें तो 170 घंटे बीत जाने के बाद अबतक वहां केवल एक रस्सी बंधी है, इसके अलावा कुछ बल्लियां और लकड़ी के फट्टे और कुछ मजदूर पहुंचे हैं । ऐसे में जिलाधिकारी विनोद कुमार सुमन द्वारा इस घटना के 24 घंटे में काम शुरू कराने और दो हफ्ते में सड़क निर्माण का काम पूरा कर दिखाने के दावे पर बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं । इस सड़क में ट्रैफिक को रोक दिया गया था और व्यवस्था के रूप में राजभवन सड़क को वन-वे के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है । खबर लिखे जाने तक कुछ श्रमिकों ने सैंड बैग पहुंचाने का काम शुरू कर दिया है, जिससे अब सड़क निर्माण की आस जगने लगी है ।