कुलदीप एस. राणा
उत्तराखंड हाई कोर्ट ने सरकार द्वारा मृत्युंजय मिश्रा के शासन में अटैचमेंट के आदेश को निरस्त कर दिया है। लगभग 6 माह पूर्व उत्तखण्ड शासन द्वारा अनियमितताओं के आरोपों से घिरे मृत्युन्जय मिश्रा को विरोध के चलते विवि के रजिस्ट्रार पद से हटा कर शासन से अटैच कर दिया था।
मिश्रा ने शासन के आदेश को हाई कोर्ट में चुनोती देते हुए वाद दाखिल कर दिया था, जिस पर जस्टिस राजीव शर्मा व जस्टिस मनोज तिवारी की खंडपीठ ने मिश्रा के पक्ष में निर्णय देते हुए शासन के अटैचमेंट आदेश को निरस्त करते हुए कहा कि मृत्युंजय मिश्रा आयुर्वेदिक विवि के अधिकारी हैं और उन्हें पद के अनुरूप सारी सुविधाएं व अधिकार वापस दिए जाएं।
हाई कोर्ट द्वारा अपने पक्ष में निर्णय आ जाने के बाद मृत्युंजय मिश्रा ने तत्काल ही विवि में जाकर कुलसचिव का पदभार ग्रहण भी कर लिया है।
मिश्रा के कुलसचिव पद पर जॉइन करने से विवि में विवादास्पद स्थिति उत्पन्न हो गयी है। पहले से ही डॉ. राजेश अड़ाना विवि में कुलसचिव का दायित्व संभाले हुए हैं। ऐसे में अब विवि मे दो-दो कुलसचिव हो गए हैं। ऐसी स्थिति में अब दोनों में से कौन कुलसचिव होगा, यह देखना दिलचस्प होगा।