राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संविदा कर्मचारियों का अपनी विभिन्न मांगों को लेकर चल रहा धरना एमडी के आश्वासन के बाद फिलहाल स्थगित हो गया है। इससे पूर्व कर्मचारियों ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय एवं रविंद्र जुगरान को भी अपनी समस्याओं से संबंधित मांग पत्र प्रेषित किया था। उन्होंने मांग की है कि यदि उनकी समस्याओं का शीघ्र समाधान नहीं किया गया तो वे कुंठा का शिकार हो जाएंगे।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संविदा कर्मचारी संगठन उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष सुनील भंडारी ने जानकारी देते हुए बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत समस्त उत्तराखंड में लगभग तीन हजार से ज्यादा कर्मचारी विगत कई वर्षों से अपनी सेवाएं दे रहे हैं। यहां की विषम भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद राज्य के दुर्गम व अति दुर्गम इलाकों में भी एनएचएम कर्मचारी अल्पवेतन तथा बिना किसी भत्ते व अतिरिक्त लाभ के कार्य करते आ रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद उनके साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। उनका शोषण किया जा रहा है और वे मानसिक प्रताडऩा के शिकार होते आ रहे हैं। उनका कहना है कि एनएचएम कर्मचारियों को कभी भी मानवीय परिस्थितियां उपलब्ध नहीं कराई गई। जिसके कारण कर्मचारी कुंठा का शिकार होते जा रहे हैं।
अपनी मांगों के समाधान को लेकर वे कई दिनों से सीएमओ कार्यालय के समक्ष धरनारत थे। प्रबंध निदेशक युगल किशोर पंत ने उन्हें आश्वासन दिया कि एक माह के भीतर उनकी समस्याओं का समाधान हो जाएगा। इस पर एनएचएम कर्मचारियों ने धरने को फिलहाल स्थगित कर दिया है।
सुनील भंडारी ने बताया कि एनएचएम कर्मचारियों हेतु एचआर पॉलिसी लागू की जानी चाहिए। जनपद तथा ब्लॉक स्तर पर वेतन असमानता/विसंगति को दूर करना, एनएचएम के अंतर्गत की जाने वाली नियुक्तियों में ठेकेदारी प्रथा/थर्ड पार्टी को रद्द किया जाए, कर्मियों को ग्रेज्युटी एवं लॉयल्टी बोनस का लाभ तत्काल दिया जाए, आशा कार्यक्रम में तैनात आशा फैसिलिटेटर को २० दिन की मोबिलिटी के स्थान पर ३० दिन का मानदेय नियत किया जाए, पीपीपी मोड में दिए जाने वाले अस्पतालों में तैनात एनएचएम कर्मियों के समायोजन हेतु स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए जाएं, एनएचएम कर्मियों को नियमितीकरण तथा न्यूनतम वेतन नीति का लाभ दिया जाए।
उन्होंने एनएचएम कर्मियों की उक्त न्यायसंगत मांगों पर सकारात्मक कार्यवाही का अनुरोध किया है।
इस मौके पर प्रदेश उपाध्यक्ष अर्चना उनियाल एवं प्रदेश महासचिव हरसिंह रावत भी मौजूद थे।