ओसामा बिन लादेन अपनी मौत से करीब एक माह पहले अलकायदा के घटते और इस्लामिक स्टेट के बढ़ते कद को लेकर काफी चिंतित था। उसका इस बात का डर सता रहा था कि कहीं इस्लामिक स्टेट, अलकायदा से आगे न निकल जाए। इस बात का जिक्र ओबामा प्रशासन द्वारा जारी बिन लादेेन की मौत से जुड़े आखिरी दस्तावेजों में किया गया है। इसमें यह भी कहा गया है कि वह अपनी मौत से पहले ही अपने शरीर में चिप प्लांट करवाना चाहता था, जिससे उसकी मूवमेंट को हर वक्त ट्रैक किया जा सके।
यह दस्तावेज उस सीक्रेेट ऑपरेशन से जुड़े हुए हैं जिसके तहत वर्ष 2011 में अमेरिका के नेवी सील कमांडो द्वारा पाकिस्तान के ऐबटाबाद में एक ऑपरेशन के दौरान बिन लादेन को मार गिराया गया था। इस ऑपरेशन के बाद नेवी सील केे कमांडो अपने साथ बिन लादेन की बॉडी भी ले गए थे। इन दस्तावेजोंं में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि लादेेन अपने अंतिम समय में भी पूरे विश्व में अपने समर्थकों की संख्या को बढ़ाकर अमेरिका के खिलाफ जेहाद छेड़ना चाहता था।
इन दस्तावेजों में इस बात का भी जिक्र है कि अपनी मौत से पहले ही उसने अपने बेटे को अपने डर के बारे में बताया था। उसने अपने बेटे को अपने शरीर में एक इलेक्ट्रानिक चिप प्लांट कराने को भी कहा था जिसकी मदद से उसे हर वक्त ट्रैैक किया जा सके। इसके अलावा वह आईएस द्वारा अगवा किए गए विदेशी लोगों के लिए भी उनसे बात करना चाहता था। इसके अलावा उसका पूरा फोकस अपने जन्मभूमि यमन में आतंकियों की मजबूत फौज खड़ी करने पर भी था। हालांकि यमन में अलकायदा अरेबिययन पेनिनसुला (AQAP) की एक बड़ी ब्रांच पहले से ही है। इसका वहां पर काफी असर भी दिखाई देता है। AQAP के संंस्थापक नसिर अल वुहायेशी को एक पत्र भी लिखा था।