16 तारीख यानि मंगलवार को सब लोग रोहित शेखर तिवारी की मौत पर दुख व्यक्त कर रहे थे तब मैंने सबसे पहले यही लिखा था कि यह मौत स्वाभाविक नहीं बल्कि संदेहास्पद है । 3 दिन बाद मेरी यह शंका सच साबित भी हुई । आज जब दिल्ली पुलिस ने दोपहर में पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर रोहित शेखर तिवारी की हत्या का मामला दर्ज किया तो मेरे पास बहुत से लोगों के फोन आने लगे । कई लोगों ने इनबॉक्स में लिखा कि दादा आप सही कह रहे थे । मैं शुरू से ही कह रहा हूं कि पूर्व मुख्यमंत्री एन डी तिवारी की संपत्ति के लिए रोहित तिवारी की हत्या की जा सकती है । एनडी तिवारी के साथ और उनके आसपास कई ऐसे लोगों का जमावड़ा था जो उनकी संपत्ति के बारे में जानते थे । वह तो यह तक भी जानते हैं कि एनडी तिवारी की संपत्ति देश में कम थी बल्कि विदेशों में ज्यादा थी । इस संपत्ति का वारिश क्योकि रोहित शेखर तिवारी बनना था, जैसा कि एनडी तिवारी ने उनको अपना संपत्ति का बारिश बनाया था । इस संपत्ति पर कुंडली मारे बैठे ऐसे कई लोग हैं जो एन डी तिवारी के मुख्यमंत्रित्व काल में उनके इर्द-गिर्द साए की तरह रहते थे । उनके कुछ ऐसे भी है जो उस समय ओएसडी भी रहे हैं । वह नहीं चाहते कि किसी भी सूरत में वह संपत्ति रोहित शेखर तिवारी के कब्जे में हो । अगर घर की ही बात करें तो रोहित शेखर तिवारी के घर में मां उज्ज्वला शर्मा , पत्नी अपूर्वा और भाई सहित कुल 10 लोग रहते हैं । जिनमें किसी ने भी रोहित शेखर तिवारी की तरफ यह ध्यान नहीं दिया कि वह उत्तराखंड से 15 अप्रैल को रात में 11:30 बजे घर पहुंचा था और खाना खा कर रात 12:00 बजे सो गया था । उसके बाद अगले दिन शाम को पूरे साढे 16 घंटे बाद घर के नौकर जोगिंदर मंडल ने ही देखा कि रोहित शेखर तिवारी की संदिग्ध अवस्था में मौत हो चुकी हैं । मंडल ने यह भी देखा कि रोहित की नाक से खून बह रहा है और वह लगभग मृत अवस्था में पड़ा है ।
सवाल यह भी उठता है कि क्या रोहित की पत्नी रोहित की मां और रोहित के भाई को यह भी सुध नहीं थी कि वह यह देख सके कि साढे 16 घंटे से बेड पर बेसुध अवस्था में पड़ा रोहित उठ क्यों नहीं रहा है ? यह घर के लोगों का रोहित के प्रति क्या रवैया प्रकट करता है ? दूसरा कारण रोहित की मां उज्जवला शर्मा द्वारा पत्रकारों से यह कहना कि बेटा रोहित की मौत सामान्य है ,लेकिन वह परेशान रहता था। जिन्होंने बेटे को अवसाद में डाला, वे उनका नाम जरूर बताएंगी। उन्होंने कहा कि मन में बहुत सी बातें हैं, लेकिन यह बात करने का उचित समय नहीं है। मां के इस बयान का मतलब भी दिल्ली पुलिस अभी तक नही समझ पाई हैं । उज्जवला शर्मा खुद उस समय घर में मौजूद नहीं थी जब उनके बेटे रोहित शेखर तिवारी की संदिग्ध अवस्था में लाश घर से हास्पिटल ले जाई गई । उसके बावजूद भी उन्होंने इसे सामान्य मौत करार क्यों दिया ? जबकि रोहित के नाक से खून निकलना अपने आप में बहुत कुछ संकेत दे रहा था । इन सब संकेतों को उज्जवला शर्मा द्वारा नकार कर सामान्य मौत कहना समझ से परे है । फिलहाल जो पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आया है उसके अनुसार रोहित की गला दबाकर हत्या की गई है । वह हत्या 15 और 16 तारीख की मध्यरात्रि यानी एक और 1:30 बजे के बीच में हुई है । इसका मतलब है कि हत्यारे पहले से ही ताक में थे क्रि कब रोहित शेखर तिवारी उत्तराखंड से वापस लौट कर आएगा और कब उसको शिकार बनाया जाएगा । आखिर सवाल यह भी है कि रोहित शेखर तिवारी के हत्यारे घर के अंदर के हैं या बाहर के …?
फिलहाल दिल्ली पुलिस की क्राईम ब्रांच ने जाँच अपने हाथ में ले ली हैं । जाँच सीसीटीवी कैमरों और मोबाईल की काॅल डिटेल के द्वारा भी की जा रही हैं । अभी फोरेंसिक एक्सपर्ट की रिपोर्ट भी सामने आनी बाकी हैं । जिसमें रोहित के गले और आसपास से फिंगर प्रिट लिए जा चुके हैं । बस अब सच सामने आने ही वाला हैं ।