विगत वर्ष राजपुर रोड पर गड्ढों में गिरकर दो सगी बहिनों की मौत के बाद सरकार ने गढ्ढे भरने का फरमान सुनाया था। तब से लेकर अब तक सैकड़ों लोग इन गढ्ढों में गिरकर मौत के मुंह में समा चुके हैं। देहरादून-हरिद्वार नेशनल हाइवे पर इन गढ्ढों में अब तक दो सौ से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
गौरतलब यह है कि अब गाड़ी लेकर चलना तो बहुत दूर, पैदल और साइकिल सवार भी गढ्ढों में गिरकर चोटिल हो रहे हैं। ऐसा ही एक प्रकरण तब सामने आया, जब विजिलेंस एसपी के रविवार को साइकिलिंग के दौरान गढ्ढ़ों वाली सड़क पर गिरकर हाथ फ्रैक्चर होने के बाद उन्हें दोनों हाथों की सर्जरी करानी पड़ी। आईपीएस अधिकारी सेंथिल अबूदई कृष्णराज के चोटिल होने के बाद घबराई सरकार ने अपने लिए विधानसभा सत्र के वीआईपी मूवमेंट होने के चलते रातोंरात विधानसभा के बाहर सड़क चमचमाने लगी है। यही नहीं धर्मपुर से नेहरू कालोनी व रिस्पना पुल के गढ्ढों को भी भर दिया गया है।
बताते चलेंं कि किशनपुर में साइकिलिंग करते वक्त एसपी विजिलेंस सेंथिल अबूदई कृष्णराज गढ़्ढ़ों में गिरकर बुरी तरह से जख्मी हो गए थे। उन्हें मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उनके दोनों हाथ फ्रैक्चर हो गए हैं। सोमवार को उनकी सर्जरी की गई। इसी खौफ के चलते विधानसभा के आस-पास के सड़कों के गढ्ढों को भर दिया गया है और विधानसभा के बाहर सड़क चमचमाने लगी है। इधर से गुजरने वाले राहगीरों की समझ नहीं आ रहा कि आखिरकार यह चमत्कार रातोंरात हुआ कैसे?
मंगलवार १८ सितंबर को विधानसभा सत्र शुरू होने जा रहा है। इस दौरान यहां से मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायक समेत तमाम वीवीआईपी मूवमेंट होगा। रविवार को एसपी विजिलेंस के साथ हुई दुर्घटना को ध्यान में रखते हुए इस सड़क को दुरुस्त कर दिया गया है, ताकि किसी भी वीवीआईपी को यहां से गुजरते वक्त कष्ट न होने पाए। हालांकि यह बात अलग है कि आम जन इन सड़कों पर हुए गड्ढ़ों में गिर-गिरकर जख्मी हो रहे हैं। वर्तमान में देहरादून की शायद ही कोई ऐसी सड़क होगी, जहां बरसात से गढ्ढ़े न हुए हों।
बहुप्रतीक्षित इन्वेस्टर्स समिट से पहले आईपीएस अधिकारी के इस तरह गड्ढे में गिरने की खबरें बड़े स्तर पर प्रसारित हुई हैं। देखना है कि सरकार अब छिछालेदर के साथ अन्यत्र हुए गढ्ढों को कब तक भर पाती है!