मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत आज 19 मार्च को सड़क मार्ग से गैरसैण रवाना हुए तो उन्हें अपने समस्याएं बताने के लिए खड़े स्थानीय लोगों को मुख्यमंत्री से दूर कर दिया गया।
कुछ जन संगठनों ने श्रीनगर में भी मुख्यमंत्री को वहां की समस्याओं से रूबरू कराना चाहा लेकिन स्थानीय पुलिस बल ने उनको जबरन किनारे हटा दिया।
श्रीनगर में प्रगतिशील मंच मुख्यमंत्री को एनआईटी में अस्थाई कैंपस के निर्माण तथा श्रीनगर श्री कोर्ट में शुद्ध पेयजल की आपूर्ति के साथ ही चिकित्सा सेवाओं को बेहतर कराने के लिए एक लंबे समय से आंदोलन कर रहा है।
मुख्यमंत्री के आगमन पर उन्होंने अनूठे अंदाज में एक बैनर का निर्माण करके लगाना चाहा तो पुलिस बल ने उसे भी नहीं लगाने दिया। जाहिर है कि लंबे समय से आंदोलन के बावजूद इनकी मांगों पर कोई कार्यवाही नहीं हो रही है।
रास्ते में मुख्यमंत्री ने चारधाम आल वेदर रोड के निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया तथा अधिकारियों को जल्दी निर्माण कार्य पूरा करने का निर्देश भी दिया। CM ने तीन धारा , सांकनीधार और देवप्रयाग मेंपुश्ता निर्माण और स्लोप स्थिरीकरण कार्यों की जानकारी ली और समय पर गुणवत्तायुक्त कार्य करने का मुख्य सचिव तथा अपर मुख्य सचिव सहित सभी वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश जारी किए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस इस माह तक रोड कटिंग का कार्य पूरा कर दिया जाएगा तथा जून अंतिम सप्ताह तक रिटेनिंग वाल का निर्माण कार्य भी संपूर्ण कर दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मार्ग से आने पर उन्हें विकास कार्यों की जानकारी भी मिली तो साथ ही स्थानीय समस्याओं से रूबरू होने का भी मौका मिला। लोगों का कहना था कि यदि गैरसैण राजधानी होगी तो इसी तरह सड़क मार्ग से आने जाने वाले अफसरों और नेताओं के कारण स्थानीय सरकारी मशीनरी भी चुस्त-दुरुस्त और अलर्ट रहेगी। साथ ही वे जमीनी स्तर की हकीकतों को भी ज्यादा बेहतर ढंग से समझ सकेंगे।
मुख्यमंत्री के पहली बार सड़क मार्ग से गैरसैण जाने पर जनता में खुशी का माहौल है। वहीं अपनी मांगों के लिए आंदोलनरत जन संगठनों में CM से ना मिलने दिए जाने का मलाल भी है।