महिला आयोग की अध्यक्षा विजया बड़थ्वाल तथा बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्षा उषा नेगी मोदी भक्ति में इस कदर लीन हो गई कि आज दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी के कार्यक्रम में शामिल होने पहुंच गई। जब आयोग की अध्यक्ष भाजपा के कार्यक्रमों में इस प्रकार सरेआम घूम रही हो वह कल के दिन भाजपा नेताओं के खिलाफ यदि कोई शिकायत महिला आयोग में आती है तो कैसे किसी पीड़ित को न्याय दिलाएगी !
देखना है कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और उत्तराखंड के वे तमाम लोग जो अपने को जागरूक बताते हैं, इन आयोग की अध्यक्ष की इस हरकत पर अब क्या प्रतिक्रिया देते हैं !!
उत्तराखंड की डबल इंजन सरकार ने पिछले दिनों दायित्व धारियों की एक सूची जारी की, जिसमें 14 लोगों को विभिन्न पदों से नवाजा गया।
इनमें से यमकेश्वर की तीन बार की विधायक रही विजया बड़थ्वाल को महिला आयोग का अध्यक्ष बनाया गया। विजय बड़थ्वाल को इस आयोग के अध्यक्ष के रूप में कैबिनेट मंत्री स्तर का सम्मान प्रदान किया गया।उषा नेगी तो इनसे कई माह पहले ही बाल संरक्षण आयोग मे स्थापित कर दी गई थीं।
विजया बड़थ्वाल इससे पहले उत्तराखंड में कैबिनेट मंत्री और विधानसभा उपाध्यक्ष रह चुकी हैं। उषा नेगी भी राज्य मंत्री रह चुकी हैं।
जाहिर है इनको यह भी मालूम होगा कि आयोग के पद पर बैठने के बाद उन्हें दलगत राजनीति से बाहर आकर जनहित में काम करना है।
देश में आयोगों के पदों पर गंभीर और चिंतनशील लोगों को इसलिए बिठाया जाता हैं, ताकि वे उस पद के अनुरूप काम कर सकें किंतु दलों की दलदल में फंसे नेताओं ने कई बार ऐसी शर्मसार स्थितियां पैदा की जिससे बाद में उन्हें और उनके आकाओं को शर्मसार होना पड़ा।