पर्वतजन
  • Home
  • उत्तराखंड
  • सरकारी नौकरी
  • सरकारी योजनाएं
  • इनश्योरेंस
  • निवेश
  • ऋृण
  • आधार कार्ड
  • हेल्थ
  • मौसम
No Result
View All Result
  • Home
  • उत्तराखंड
  • सरकारी नौकरी
  • सरकारी योजनाएं
  • इनश्योरेंस
  • निवेश
  • ऋृण
  • आधार कार्ड
  • हेल्थ
  • मौसम
No Result
View All Result
पर्वतजन
No Result
View All Result
Home पर्वतजन

बिल्डर्स के झांसे को परखें

December 10, 2016
in पर्वतजन
ShareShareShare
Advertisement
ADVERTISEMENT

अगर आप देहरादून में फ्लैट लेने की सोच रहे हैं तो सतर्क हो जाइए। कहीं ऐसा न हो कि सड़कों के किनारे लगे होर्डिंग्स में हाउसिंग प्रोजेक्ट्स के थ्रीडी फोटो की चकाचौंध में आप बिल्डर्स के झासें में आ जाएं और अपने जीवनभर की गाढ़ी कमाई से फ्लैट बुक करवा लें और फिर आगे चलकर आपको पछताना पड़े।

कुलदीप एस. राणा

krishnaबैंक की नौकरी से रिटायर्ड बुजुर्ग दत्ता दंपत्ति ने अपनी दोनों बेटियों की शादी के उपरांत रिटारयमेंट की बची-खुची रकम से 2013 में मोथरावाला स्थित एक ग्रुप हाउसिंग में अपने लिए फ्लैट खरीदा, ताकि जिंदगी के बाकी बचे हुए दिन आराम से गुजार सकें। रोज सुबह शाम हाउसिंग के अन्य हम उम्र साथियों से मिलकर जिंदगी के अपने हसीन लम्हों को साझा करते हुए सुख के साथ अपने दिन गुजार रहे थे कि अचानक एक दिन पर्यावरण के मानक पूरे न करने पर उत्तराखंड पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) द्वारा हाउसिंग को सील करने के नोटिस से उनके होश उड़ गए।
उम्र के इस पड़ाव पर कभी ऐसी परिस्थितियों से दो-चार होना पड़ेगा, इसकी उन्होंने कल्पना भी नहीं की थी। कहां रहेंगे, कैसे रहेंगे, क्या करेंगे, यह सोचकर उनके माथे पर चिंता की लकीरें उभर आई। इसी चिंता में हाउसिंग के अन्य लोगों के साथ जब वे पीसीबी के नोटिस का औचित्य पूछने बिल्डर के पास पहुंचे तो बिल्डर ने उनसे यह कहते हुए पल्ला झाड़ लिया कि मैं इस प्रोजेक्ट को बेच चुका हूं। अब इस पर मेरा कोई मालिकाना नहीं है। इस नोटिस का क्या करना है, आपकी सोसाइटी तय करेगी।
नियमानुसार बिल्डर्स को एमडीडीए से हाउसिंग प्रोजेक्ट का नक्शा पास करते समय ही पीसीबी से अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) लेना जरूरी होता है। जिसके तहत बिल्डर को यह सुनिश्चित करना होता है कि वह प्रोजेक्ट साइट पर ग्रीन बेल्ट विकसित करेगा। साथ ही सीवरेज हेतु एसटीपी प्लांट, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट व रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्लांट की प्रभावी व्यवस्था करेगा, लेकिन उत्तराखंड में बिल्डर्स ने पीसीबी को कभी गंभीरता से नहीं लिया और नियमों की अनदेखी करते हुए नित नए-नए हाउसिंग का निर्माण करते रहे।
आलम यह है कि बन चुके हाउसिंग प्रोजेक्ट तो दूर, निर्माणधीन प्रोजेक्ट्स में भी अधिकांश के पास पीसीबी की एनओसी नहीं है। अब तक इस तरह के मामलों में हीलाहवाली बरत रहा था, लेकिन नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के मानकों के अनुपालन में कड़ा रुख अख्तियार कर लेने से पीसीबी एक्शन मोड में आ गई और उसने ऐसे प्रोजेक्ट्स का चिन्हींकरण शुरू कर दिया। जिसके तहत कार्यवाही करते हुए पीसीबी के क्षेत्रीय कार्यालय देहरादून के अधिकारियों ने साल की शुरुआत में दून के कुछ ग्रुप हाउसिंग का मौका मुआयना किया और पाया कि बिल्डर्स ने निर्माण स्थल पर पर्यावरण मानकों की अवहेलना की गई है और हाउसिंग के सीवरेज निस्तारण हेतु न तो सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाया गया है और न ही सॉलिड वेस्ट के निस्तारण की कोई प्रभावी व्यवस्था की है। जिससे पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है।
इस पर पीसीबी द्वारा ८ अप्रैल २०१६ को राजधानी क्षेत्र के ११ ग्रुप हाउसिंग को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया। दो माह तक बिल्डर्स द्वारा बोर्ड के समक्ष कोई जवाब प्रस्तुत न किए जाने पर २८ जून को पर्यावरण अधिकारियों द्वारा पुन: निर्माण स्थल की स्थिति का जायजा लिया गया और पाया कि मानकों पर बिल्डर्स ने कोई गंभीरता नहीं दिखाई।
इसके पश्चात पीसीबी के सचिव द्वारा २२ अक्टूबर को केंद्रीय पर्यावरण कानून की धारा ३३ (ए) १९७४ (जल प्रदूषण) व धारा ३१ (ए) १९८१ (वायु प्रदूषण) के तहत कार्यवाही करते हुए इन ११ ग्रुप हाउसिंग को सील करने के आदेश कर दिए।
इस क्रम में आईएसबीटी के नजदीक बन रहे क्वीन कोर्ट और केदारपुरम में निर्माणाधीन गोकुल रेजीडेंसी को सील करने से बिल्डर्स में हड़कंप मच गया।
अब जाकर वे आनन-फानन में अब वे सीलिंग की कार्यवाही से बचने के लिए पीसीबी में ऑनलाइन आवेदन कर रहे हैं। पुष्पांजलि के एवीपी रितेश धीमान और निलाया हिल्स के सीएमडी राकेश बत्ता ने पर्यावरण मानकों को पूरा करने हेतु बोर्ड के समक्ष आवेदन कर अपनी सहमति दे दी है। इ
न 11 में से 5 हाउसिंग प्रोजेक्ट्स माधव रेजीडेंसी, लार्ड कृष्णा रेजीडेंसी, किंग्स एवेन्यू, पुष्पांजलि और केदारपुरम स्थित एवी इंफ्राटेक की त्रिहरि रेजीडेंसी के फ्लैट्स के उनके खरीददारों को पजेशन दिए जा चुके हैं। इनमें काफी समय से लोग रह रहे हैं।
गौरतलब है कि इन प्रोजेक्ट्स के लिए बिल्डर्स ने बोर्ड में एनओसी हेतु कोई आवेदन नहीं किया।
पीसीबी की सीलिंग की जद में आने वाले सर्वाधिक तीन हाउसिंग प्रोजेक्ट्स महालक्ष्मी बिल्डवेल(इंडिया) प्रा.लि. कंपनी के हैं। कंपनी ने अपने निर्माणाधीन प्रोजेक्ट लार्ड कृष्णा ग्रीन को सीलिंग की कार्यवाही से बचाने के लिए तो तुरंत बोर्ड के समक्ष एनओसी हेतु आवेदन कर दिया, लेकिन बिक चुके अन्य दो प्रोजेक्ट माधव रेजीडेंसी और लार्ड कृष्णा रेजिडेेंसी से किनारा कर लिया।
इन प्रोजेक्ट्स के एनओसी हेतु आवेदन न करने पर कंपनी के सीईओ राकेश शर्मा का कहना है कि पीसीबी के ये मानक 20 हजार स्क्वायर मीटर से अधिक के प्रोजेक्ट पर लागू होते हैं। एक तो ये प्रोजेक्ट्स कम एरिया के हंै।
दूसरा जब इनका निर्माण किया गया था, तब इस तरह का कोई नियम नहीं था। बिल्डर्स ने प्रोजेक्ट की सीवरेज को सरकारी सीवरेज लाइन से जोड़ रखा है। सॉलिड वेस्ट के लिए नगर निगम की गाड़ी आती है।
इसी तरह एवी इंफ्राटेक ने निर्माणाधीन गोकुल रेजीडेंसी के लिए तो बोर्ड में आवेदन कर दिया, लेकिन बिक चुके प्रोजेक्ट त्रिहरि रेजीडेंसी से किनारा कर लिया।
तेगबहादुर रोड स्थित किंग्स एवेन्यू के बिल्डर्स ने तो पीसीबी के नोटिस पर ही सवाल खड़े करते हुए कहा कि किस नियम के तहत बोर्ड ने ये नोटिस भेजे हैं?
पीसीबी के नोटिस और अपने बनाए हुए प्रोजेक्ट्स से किनारा कर चुके बिल्डर्स के इस कारनामों से इन फ्लैट्स में रहने वालों की रातों की नींद उड़ रखी हैं।
गलतियां चाहे जिसकी भी हों, भुगतना आखिर इन फ्लैट्स में रहने वालों को ही पड़ेगा। पर्यावरण मानकों के उल्लंघन से उत्पन्न ऐसी परिस्थिति में इन हाउसिंग्स में रहने वाले लोग कहीं बिल्डर और पीसीबी के दो पाटों के बीच पिस कर न रह जाएं।
इसी वर्ष पर्यावरण उल्लंघन के मामले में एनजीटी ने बंगलौर की एक ग्रुप हाउसिंग कंपनी को 100 करोड़ से भी अधिक का जुर्माना एनजीटी ने ठोक दिया था। एनजीटी के इस सख्त रवैये को देखकर तो लगता नहीं कि वह मानकों को लेकर इन निर्माणों पर कोई नरमी बरतेगी।

”एनजीटी के गाइड लाइन के अनुसार कोई भी बिल्डर बिक चुके हाउसिंग प्रोजेक्ट पर अपनी जिम्मेदारियों से मुक्त नहीं हो सकता। ऐसे में जिन प्रोजेक्ट्स में अब लोग रहने लगे हैं, हम उन बिल्डर्स के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही करने को बाध्य हैं और अब कोर्ट ही उनका निर्णय करेगा।
– विनोद सिंघल, सदस्य सचिव
उत्तराखंड पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड

”मानक पूरे किए बिना बिल्डर ने धोखे से फ्लैट बेचे हैं। हम सोसायटी के साथ मिलकर इस प्रकरण पर बिल्डर को कोर्ट घसीटेंगे।
– राजीव दत्ता
निवासी माधव रेजीडेंसी

”फ्लैट बेचते समय बिल्डर ने हमें अंधेरे में रखा। अब हम बिल्डर के अगेंस्ट कंज्यूमर कोर्ट और सिविल कोर्ट का रुख करेंगे।
– प्रदीप ठाकुर
निवासी माधव रेजीडेंसी

”फ्लैट तो नहीं छोड़ सकते। अगर कंपनी अपनी जिम्मेदारियों से भागती है तो हम लीगल लड़ाई लड़ेंगे।
– सी.एम. डोभाल
निवासी माधव रेजीडेंसी

”एनओसी लेना बिल्डर्स की रिस्पॉन्सबिलिटी है हाउसिंग सोसाइटी का काम सिर्फ मेंटिनेंस का है इसमें तो एमडीडीए की भी जिम्मेदार बनती है की उसने पीसीबी की एनओसी के बिना बिल्डर को सम्बंधित प्रोजेक्ट का कंप्लीशन सर्टिफिकेट कैसे दे दिए क्योंकि बिना सर्टिफिकेट बिल्डर फ्लैट का पजेशन नहीं दे सकता है।
– डीएस राणा, अध्यक्ष
उत्तराखंड इंजीनियर्स ड्राफ्ट्सैन वेलफेयर एसोसिएशन

पीसीबी द्वारा सील करने हेतु
जारी नोटिस
1. बेस्ट एवेन्यू
2. निलाया हिल्स
3. माधव रेजीडेंसी
4. एवी इंफ्राटेक(त्रिहरी रेजीडेंसी)
5. लॉर्ड कृष्णा रेजीडेंसी
6. किंग्स एवेन्यू
7. लार्ड कृष्णा ग्रीन
8. क्वीन कोर्ट
9. एमिनेंट हाइट
10. गोकुल रेजीडेंसी
11. पुष्पांजलि

पूरे हो चुके हाउसिंग प्रोजेक्ट तो दूर, निर्माणधीन प्रोजेक्ट्स में भी अधिकांश बिल्डर्स के पास पीसीबी की एनओसी नहीं है। अब नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के मानकों के अनुपालन में कड़ा रुख अख्तियार कर लेने से पीसीबी एक्शन मोड में आ गई और उसने ऐसे प्रोजेक्ट्स का चिन्हींकरण शुरू कर दिया है।

तेगबहादुर रोड स्थित किंग्स एवेन्यू के बिल्डर्स ने तो पीसीबी के नोटिस पर ही सवाल खड़े करते हुए कहा कि किस नियम के तहत बोर्ड ने ये नोटिस भेजे हैं?
पीसीबी के नोटिस और अपने बनाए हुए प्रोजेक्ट्स से किनारा कर चुके बिल्डर्स के इस कारनामों से इन फ्लैट्स में रहने वालों की रातों की नींद उड़ रखी हैं।


Previous Post

रि-टायरों के भरोसे गाड़ी

Next Post

सफेदहाथी बनते सेवायोजन कार्यालय!

Next Post

सफेदहाथी बनते सेवायोजन कार्यालय!

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *






पर्वतजन पिछले २3 सालों से उत्तराखंड के हर एक बड़े मुद्दे को खबरों के माध्यम से आप तक पहुँचाता आ रहा हैं |  पर्वतजन हर रोज ब्रेकिंग खबरों को सबसे पहले आप तक पहुंचाता हैं | पर्वतजन वो दिखाता हैं जो दूसरे छुपाना चाहते हैं | अपना प्यार और साथ बनाये रखिए |
  • बड़ी खबर: वन दरोगा भर्ती परीक्षा संपन्न l 70% अभ्यर्थी रहे उपस्थित
  • योग दिवस पर सीआईएमएस एंड यूआईएचएमटी कॉलेज में विशेष आयोजन, चेयरमैन ललित जोशी बोले – योग देता है शारीरिक स्वास्थ्य, मानसिक शांति और आत्म-संयम
  • अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर श्रीमहंत देवेंद्र दास जी महाराज ने दी शुभकामनाएं। श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय देश-विदेश में जगा रहा योग की अलख
  • चिकित्सा-शिक्षा मंत्री ने ली विकास कार्यो की समीक्षा बैठक। एमबीबीएस छात्रों के हॉस्टलों में पहुंचकर ली जानकारी
  • ब्रेकिंग: उत्तराखंड वन विभाग को मिला नया मुखिया..
  • Highcourt
  • इनश्योरेंस
  • उत्तराखंड
  • ऋृण
  • निवेश
  • पर्वतजन
  • मौसम
  • वेल्थ
  • सरकारी नौकरी
  • हेल्थ
June 2025
M T W T F S S
 1
2345678
9101112131415
16171819202122
23242526272829
30  
« May    

© 2022 - all right reserved for Parvatjan designed by Ashwani Rajput.

No Result
View All Result
  • Home
  • उत्तराखंड
  • सरकारी नौकरी
  • सरकारी योजनाएं
  • इनश्योरेंस
  • निवेश
  • ऋृण
  • आधार कार्ड
  • हेल्थ
  • मौसम

© 2022 - all right reserved for Parvatjan designed by Ashwani Rajput.

error: Content is protected !!