दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने चुनाव आयोग की ‘रिश्वत’ संबंधी टिप्पणी पर सोमवार को लिखित जवाब दिया। इसमें उन्होंने चुनाव आयोग के आरोप को बेबुनियाद बताया है। 2 पेज के जवाब में उन्होंने चुनाव आयोग को लिखा है कि वह उनको अपना ‘ब्रांड एंबेसडर’ बना ले। केजरीवाल ने इस जवाब की एक कॉपी अपने ट्विटर अकाउंट पर भी पोस्ट की है।
चुनाव आयोग ने आचार सहिता उल्लंघन के मामले मे पिछले सप्ताह केजरीवाल को नोटिस जारी किया था। रिश्वत को बढ़ावा देने वाली उनकी टिप्पणी के लिए यह नोटिस दिया गया था। चुनाव आयोग के नोटिस से पहले उन्होंने गोवा में प्रचार के दौरान यह कहा था कि ‘अगर भाजपा या कांग्रेस वाले पैसा देने आएं तो ले लेना, लेकिन वोट हमें देना।’
केजरीवाल ने अपने जवाब में लिखा है कि चुनाव आयोग बीते 70 वर्षों से चुनावों में पैसे के चलन को रोकने की नाकाम कोशिश कर रहा है। उन्होंने लिखा कि मेरे इस बयान से कि, ‘दूसरी पार्टी वाले पैसे देंगे, ले लेना। लेकिन वोट झाड़ू को देना’ से रिश्वतखोरी बंद होगी। उन्होंने दावा किया कि इस बयान को अगर चुनाव आयोग अपना ले और इसका खूब प्रचार करे तो दो साल में सभी पार्टियां पैसा बांटना बंद कर देंगी। दिल्ली चुनाव का हवाला देते हुए केजरीवाल ने लिखा कि मेरे इस बयान का असर वहां देखने को मिला था। लोगों ने बीजेपी और कांग्रेस से पैसा लिया लेकिन वोट आम आदमी पार्टी को दे दिया। अगली बार दोनों पार्टियां दिल्ली में पैसा बांटना बंद कर देंगी क्योंकि उनको लगेगा कि पैसा बांटने से कोई फायदा ही नहीं हुआ।
बता दें कि इससे पहले चुनाव आयोग ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गोवा में ‘रिश्वत’ संबंधी टिप्पणी के लिए कड़ी फटकार लगाई थी। इतना ही नहीं, आयोग ने केजरीवाल को भविष्य में ऐसा दोबारा करने पर उनकी पार्टी की मान्यता निलंबित या खत्म करने तक की कार्रवाई की चेतावनी दी थी। चुनाव आयोग ने केजरीवाल को झिड़की देते हुए अपने भाषणों में संयम बरतने का आदेश दिया था।