अतिक्रमण हटाने में कानून का नही हुआ पालन।
डीएम ने बैठक में दिया फैसला।
अतिक्रमण हटाने में पालिका प्रशासक ने दिखाई जल्दबाजी।
डीएम के फैसले से सब्जी मंडी के व्यापारियों को बड़ी राहत।
विश्वनाथ चौक के व्यापारियों ने जताया विरोध।
पुराने स्थानों को बनाया धरना स्थल।
गिरीश गैरोला।
शिव नगरी उत्तरकाशी के शिव द्वार पर अतिक्रमण हटाने के साथ नगर को अतिक्रमण मुक्त करने के अभियान की तलवार बिना जंग के ही म्यान में वापस लौट गई है। डीएम आशीष चौहान ने अतिक्रमण हटाओ अभियान में जल्दबाजी दिखाने पर पालिका प्रशासक और डिप्टी कलेक्टर अनुराग आर्य और पालिका उत्तरकाशी के अधिशाषी अधिकारी सुशील कुमार को दोषी करार दिया है।
डीएम चौहान ने निर्देश दिए कि अतिक्रमण को पहले चिन्हित करें, फिर नोटिस दें, जबाब सुनें और फिर पर्याप्त समय देते हुए उनकी समुचित व्यवस्था करने के बाद ही अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही करे। डीएम के इस फैसले से सब्जी मंडी की व्यापारियों ने जहां राहत की सांस ली है, वहीं बाबा विश्वनाथ मंदिर चौक के व्यापारी खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि यही फैसला उनकी दुकानों को तोड़ने से पहले सुनाया जाता तो आज उनकी मेहनत से तैयार की गई दुकान नही टूटती और न ही वे बेरोजगार होते। गुस्साए व्यापारियों ने मंदिर चौक पर ही पन्नी टांग कर धरना शुरू कर दिया है। साथ ही उसी स्थान पर अपने अपनी जगह पर फिर से दुकानें बनाने का निर्णय लिया है।
उत्तरकाशी के विश्वनाथ मंदिर चौक से पुलिस फ़ोर्स के साथ अतिक्रमण हटाने के बाद सब्जी मंडी में अतिक्रमण हटाने गए प्रशासक डिप्टी कलेक्टर अनुराग आर्य का जोश उस वक्त ठंडा हो गया, जब अतिक्रमण हटाने से पीड़ित लोगों के साथ बैठक में डीएम आशीष चौहान ने अधिकारी को ही दोषी करार दे दिया। इस फैसले के साथ ही सब्जी मंडी के व्यापारियों ने राहत की सांस ली, वहीं विश्वनाथ चौक में वर्षो से जमी अपनी दुकानों को टूटने से स्थानीय व्यापारी गुस्से में हैं। उन्होंने अपने परिवार के साथ ही चौक पर ही विरोध स्वरूप धरना शुरु कर दिया है। उन्होंने कहा कि उनकी दुकान तोड़ते समय कोई राहत और समय नही दिया गया था लिहाजा वे अपने पूर्व स्थान पर ही फिर से खोके स्थापित करने जा रहे हैं। चौक के व्यापारी गणेश नौटियाल और दुर्गेश व्यास ने प्रशासन पर दोहरी नीति अपनाने का आरोप लगाया। साथ ही सवाल किया कि हर बार विश्वमाथ मंदिर के पास से ही अतिक्रमण हटाने की सूरूआत क्यों की जाती है !
सामाजिक कार्यकर्ता अमरिकन पूरी ने मांग की कि बाजार में फायर ब्रिगेड की गाड़ी जाने लायक स्थान जरूर बनाये और अतिक्रमण हटाने की सूरूआत इस बार विश्वनाथ चौक से न की जाय।
गौरतलब है कि पीड़ितों की बैठक में डीएम ने पालिका के अधिशासी अधिकारी सुशील कुमार कुरील और पालिका के प्रशासक डिप्टी कलेक्टर अनुराग आर्य पर ही बिना नियम कानून का पालन कराए जल्द बाजी में अतिक्रमण हटाने का आरोप लगाया और अगले एक सप्ताह में अतिक्रमण को चिन्हित कर उन्हें विधिवत नोटिस देकर उनका जबाब सुनने के बाद उनकी समुचित व्यवस्था करने के बाद ही अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए।
उन्होंने विश्वनाथ मंदिर चौक में तोड़ी गयी दुकानों को लोक निर्माण विभाग के मैकेनिकल स्टोर के पास दुकाने बनाने के निर्देश दिए।
गौर करने वाली बात ये है कि आज की बैठक में हुए निर्णय के बाद ,अपने कथन के अनुरूप पीड़ित यदि तोड़ी गयी दुकानों को फिर से उसी स्थान पर दुकान निर्माण करते हैं तो उन्हें रोकने की हिम्मत फिलहाल किसी एसडीएम अथवा प्रशासक के पास नही है। क्योंकि नोटिस देने चिन्हित करने और जबाब सुनने में जितना समय लगेगा, उतने समय मे फिर से नया बाजार उसी स्थान पर खड़ा हो जाएगा। इसका डीएम आशीष चौहान ने सुंदर जबाब दिया कि उनकी प्राथमिकता सड़क की सुरक्षा से ज्यादा लोगों के रोजगार को लेकर है उन्होंने कहा कि सवा करोड़ लोगों के देश मे विदेशों जैसी खुली सड़कों की उम्मीद करना बेमानी है। जिसके बाद मंदिर चौक के व्यापारी अपनी तोड़ी गयी दुकानों को फिर से बनाने को लेकर डीएम के फैसले का स्वागत कर रहे हैं। हालांकि उन्हें अपनी दुकानों को बेदर्दी से तोड़े जाने और इतने दिनों तक बेरोजगार हो सड़क पर घूमने का मलाल तो जरूर है।