कमल जगाती, नैनीताल
‘रेन ऑफ रिलीफ’ ने नैनीताल जिले के 87 हैक्टेयर जंगल में लगी आग को बुझाने का महत्वपूर्ण काम किया है। स्वर्गलोक में मौजूद देवी देवता भी जलते पहाड़ों को देखकर, इसकी पीड़ा से कराह उठे, और उन्होंने क्षेत्र में वर्षा कर आग को अपना मंसूबा पूरा करने से रोक दिया।
नैनीताल, भीमताल, खुर्पाताल और आसपास के कई हिस्सों में दोपहर की बरसात ने जलते जंगलों को बुझाने का काम किया है।
देखिए वीडियो: क्या कहते हैं, बीजू लाल टी आर, डी.एफ.ओ.नैनीताल
कई दिनों से जिले के बहुमूल्य जंगल बुरी तरह से आग की चपेट में थे। मीडिया और सोशियल मीडिया में जारी जंगलों के जलने की तस्वीरों ने पूरे देश के लोगों को भयभीत कर दिया था। इस आग को 2016 की आग से भी बड़ा बताया जाने लगा था। आज को बुझाने के लिए सरकारी तंत्र कमजोर साबित हो रहा था और सरकारी व्यवस्थाएं अधूरी दिख रही थी। वन मंत्री हरक सिंह रावत ने भी आग बुझाने में असफल वन विभाग की तरफ से बजट में कमी का हवाला देते हुए देहरादून में असमर्थता जाहिर की थी। एक वक्त तो ऐसा लगा कि अब केंद्र सरकार से मदद की गुहार लगानी पड़ेगी या जंगल के जंगल जलकर साफ हो जाएंगे।
आज दोपहर में दो घंटे तक पड़ी तेज ईश्वरीय बरसात ने जिले के इस पहाड़ी क्षेत्र में लगी भीषण आग को बुझाने का काम किया है। आज की सीजनल बरसात के बाद वन विभाग ने राहत की सांस ली है। बड़ी बूंदों वाली बरसात से जमीन के नम होने के बाद अब वन विभाग को कुछ समय तैयारी करने के लिए मिल जाएगा।
अबतक वन विभाग ने अपने सैकड़ों कर्मचारियों को लगाकर आग में काबू पाने की कोशिश की थी। उन्होंने कहीं ‘फायर लाइन’ तो कहीं ‘काउंटर फायर’ से जलते जंगलों को बुझाने की कोशिश की है। आग को बुझाने के लिए दमकल विभाग ने भी अपनी भूमिका बखूबी निभाई है।
नैनीताल जनपद में 12 मई 2019 तक सुरक्षित वनों/जंगलों में लगी आग का ब्यौरा :-
(1) नैनीताल वन प्रभाग – 68 घटनाएं – 87.850 हैक्टेयर जंगल जला।
(2) हल्द्वानी वन प्रभाग – 68 घटनाएं – 14.480 हैक्टेयर जंगल जला।
(3) तराई केंद्रीय – 7 घटनाएं – 5.550 हैक्टेयर जंगल जला।
(4) तराई पूर्वी – 1 घटना – 0.075 हैक्टेयर जंगल जला।
(5) रामनगर वन प्रभाग – 44 घटनाएं – 57.950 हैक्टेयर जंगल जला।
(6) तराई पाश्चिमी रामनगर – 13 घटनाएं – 15.750 हैक्टेयर जंगल जला।
(7) भू.स.नैनीताल – 0 घटनाएं – 0.000 हैक्टेयर जंगल जला।
(8) चम्पावत वन प्रभाग – 0 घटनाएं – 0.000 हैक्टेयर जंगल जला।
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कुल योग :- 201 घटनाओं में 182.330 हैक्टेयर जंगल जलकर खाक हो गए हैं।