रैली के दौरान पुलिस के घोड़े शक्तिमान की टांग तोडऩे का अपयश झेल चुकी भाजपा आजकल फिर चर्चाओं में हैं। अब भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को धक्का दे चुके एक विधायक जी फिर सुर्खियों में हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पांच सौ और एक हजार के नोट बंद होने के बाद देहरादून के एक विख्यात ज्वैलर्स की दुकान पर 8 नवंबर की रात को विधायक जी पर जबरन डेढ़ करोड़ का सोना ले जाने और ज्वैलर्स को डेढ़ करोड़ के पुराने नोट थोपने की चर्चाएं सोशल मीडिया से लेकर कांग्रेस दफ्तर तक चरम पर हैं।
ज्वैलर्स ने कई सफेदपोशों और अफसरों की सीसीटीवी फुटेज और ऑडियो रिकार्ड्स अपने पास रखे हुए हैं, ताकि वक्त आने पर अपनी खाल बचाने के लिए ऐसे लोगों को भी लपेटा जा सके।
फिलहाल विधायक जी की साढ़े साती है कि उतरने का नाम ही नहीं ले रही। ऊपर से शनि की ढ्ैय्या ने चुनाव से ठीक पहले ये नई मुसीबत खड़ी कर दी है।
दुकान में बैठने की तैयारी कर रहे मैखुरी
विधानसभा उपाध्यक्ष और कर्णप्रयाग के विधायक अनुसूया प्रसाद मैखुरी आजकल विभिन्न कारणों से चर्चा में हैं। गैरसैंण में दो दिनी विधानसभा सत्र को कैश करने के फेर में लगे अनुसूया प्रसाद मैखुरी को तब झटका लगा, जब मुख्यमंत्री हरीश रावत ने गैरसैंण में घोषणा की कि वो गैरसैंण में किए गए कार्यों से राजनैतिक लाभ नहीं लेंगे और पार्टी अध्यक्ष किशोर उपाध्याय से भी कहेंगे कि गैरसैंण को राजनैतिक लाभ का मुद्दा न बनाएं। इससे पहले अनुसूया प्रसाद मैखुरी ने गैरसैंण को चारों ओर विधानसभा सत्र के होर्डिंगों से पाटकर चुनावी लाभ लेने का पूरा खाका खींच डाला था। हरीश रावत के इस बयान के बाद दोपहर में एक टेलीविजन कार्यक्रम में अनुसूया प्रसाद मैखुरी ने बताया कि देहरादून आकर जब वे क्षेत्र में विभिन्न कार्यों का मौका मुआयना करते हैं तो इस बीच कई बार अपनी पुरानी दुकान में भी बैठते हैं। अनुसूया प्रसाद मैखुरी के इस बयान के बाद गैरसैंण में इस बात की चर्चा और जोरों पर आ गई कि क्या मैखुरी को अब दुकान में बैठने के दिन नजदीक दिखने लगे हैं!
निचुड़े हुए नींबू का क्या करें मंत्री भंडारी
गैरसैंण में सरकार के आखिरी विधानसभा सत्र में गैरसैंण के लोगों को तो कुछ नहीं मिला, किंतु प्रतापनगर के विधायक विक्रम सिंह नेगी और गंगोत्री के विधायक विजयपाल सजवाण को उम्मीद थी कि इस सत्र के दौरान उनके हाथ कुछ न कुछ जरूर लगेगा, ताकि चुनाव में आसानी रहे। दोनों ने कृषि और आपदा मंत्री राजेंद्र सिंह भंडारी से अनुरोध किया कि उनकी विधानसभा के लिए दोनों विभागों से एक-एक दो-दो करोड़ रुपए रिलीज करा दें, ताकि क्षेत्र में और मजबूती से घूमा जा सके। दोनों विधायकों को तब झटका लगा, जब राजेंद्र सिंह भंडारी ने बड़ी मासूमियत से बताया कि जो विभाग हरीश रावत के पास रहे हों, वहां अब बजट की संभावना कैसे हो सकती है। भंडारी का कहना था कि वो तो निचोड़े हुए नींबू वाले विभाग चला रहे हैं। भंडारी की बात सुनकर बगल में खड़े मंत्रियों ने जोरदार ठहाका लगाया कि उन्हें तो वे तीस दिन आज भी याद हैं, जब हरीश रावत ने सारे विभाग अपने पास रखने के बाद उन्हें नाम का मंत्री बना दिया था।