भगवान भरोसे सीमांत वासियों की सेहत
महिला को कंधे पर बैठाकर स्वास्थ्य केंद्र ले जाते ग्रामीण
नीरज उत्तराखंडी
जनपद उत्तरकाशी के विकास खण्ड पुरोला के सीमांत क्षेत्र सर बडियार के ग्रामीण जान हथेली पर लेकर लकड़ी के पुल से उफनती नदी को पार करने को विवश है।
हाल ही में सरगांव की एक महिला प्रार्थना देवी के पेट में अचानक दर्द उठा। स्वास्थ सुविधाओं के अभाव में ग्रामीणों ने लकड़ी का एक स्ट्रेचर बना कर महिला को उसपर बैठाया। पथरीले और फिसलते दुर्गम रास्तों से होते हुये, उफनती हलटी गाड को पार कर महिला को किसी तरह बड़कोट पहुंचाया गया।
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महिला के गम्भीर हालत को देखते हुए बड़कोट से महिला को देहरादून के लिए रेफर कर दिया गया। बताते चलें कि हलटी गाड में पुल के अभाव में पांच गांव के ग्रामीण जान जोखिम में डालकर हलटी गाड को जुगाड़ के सहारे पार करने को मजबूर है।
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सामाजिक कार्यकर्ता कैलाश रावत ने कहा कि क्षेत्र की समस्या के संबंध में शासन प्रशासन को कई बार अवगत कराया गया लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया गया। पुल के अभाव में हाल ही में बडियार गाड में गिरने से एक व्यक्ति की मौत हो गई। मूलभूत सुविधाओं के अभाव में ग्रामीण आदिमानव जैसा जीवन जीने को मजबूर है।
गौरतलब है कि बड़ियार गाड में कुछ ही दिन पहले ग्रमीणों द्वारा लकड़ी के डंडों से बनाए गए इस अस्थायी पुल पर पैर फिसलने से एक ग्रामीण की मौत हो गई थी। बावजूद इसके शासन-प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है।