वर्तमान सरकार ने हज कमेटी के चेयरमैन बनाए गए शमीम आलम के कारण जीरो टोलरेंस पर ही प्रश्नचिन्ह खड़ा हो गया है। शमीम आलम वही व्यक्ति है, जिनको पहले फर्जी दस्तावेजों और वक्फ बोर्ड में धोखाधड़ी करने के कारण गिरफ्तार किया जा चुका है। शमीम आलम पर हज भेजने के नाम पर भी पैसे वसूलने तथा धोखाधड़ी करने के कई आरोप हैं।
पहले भी किया भ्रष्टाचार
वर्ष 2008 में हज कमेटी के चेयरमैन रहे शमीम आलम पर तब भी इस तरह के काफी संगीन आरोप लगे थे कि शमीम आलम ने हज यात्रियों से अवैध वसूली करने के बाद भी उनको हज पर नहीं भेजा। इसको लेकर तत्कालीन मुख्यमंत्री से भी शिकायत की गई थी।
फर्जी दस्तावेज पर जेल
फर्जी दस्तावेजों के आधार पर वकील होने का ढोंग रचने वाले शमीम आलम को पुलिस पहले भी गिरफ्तार कर चुकी है। शमीम आलम को इससे पहले भी वक्त बोर्ड का अध्यक्ष रहने के दौरान पुलिस ने तब गिरफ्तार किया था जब इसने बार एसोसिएशन की सदस्यता हासिल कर ली थी। लेकिन जब यह पता चला कि शमीम आलम ने तो वकालत की ही नहीं है। केवल फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सदस्यता हासिल की है तो फिर पुलिस ने शमीम आलम को गिरफ्तार कर लिया था।
वक्फ बोर्ड को किया खुर्द बुर्द
शमीम आलम पर वक्फ बोर्ड की संपत्ति को खुर्द खुर्द करने के भी काफी संगीन आरोप हैं और कई बार इसको लेकर भाजपा के सदस्य ही उसको हटाने और उसके कार्यों के खिलाफ कार्यवाही करने को लेकर काफी बार धरना प्रदर्शन कर चुके हैं।
जीरो टोलरेंस की सरकार ने फिर से शमीम आलम को हज कमेटी का चेयरमैन बना दिया है। इससे सरकार की मंशा पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं और जीरो टोलरेंस की छवि को धक्का पहुंचा है।
नित्यानंद स्वामी ने जेल भेजने को कहा था
भाजपा के अंतरिम मुख्यमंत्री स्वर्गीय नित्यानंद स्वामी ने भी 20 सितंबर 1999 को तत्कालीन उत्तर प्रदेश विधान सभा का सभापति रहने के दौरान शमीम आलम के लिए कहा था कि यह गलत आदमी है और इसकी जगह जेल में ही है।
नित्यानंद स्वामी ने यह भी लिखा था कि इस आदमी ने वक्फ बोर्ड में करोड़ों रुपए का घपला किया है। शमीम आलम जैसे भ्रष्ट लोगों को दायित्व धारी बनाना जीरो टोलरेंस की सरकार के माथे पर कलंक की तरह है। इस बात से भाजपा के अंदर भी घमासान मच गया है और योग्य कार्यकर्ता अत्यंत मायूसी महसूस कर रहे हैं।