कुमार दुष्यंत/हरिद्वार
16 जून को अलकनंदा होटल तिराहे पर हरियाणा, पंजाब के यात्रियों से मारपीट का विवाद पुलिस के गले पड़ता दिखाई दे रहा है। 307 सहित पांच धाराओं में पुलिस द्वारा जेल भेजे गये चार यात्रियों में से दो महिलाओं को कोर्ट ने जमानत दे दी है। बचाव पक्ष के अनुसार शेष दो पुरुष आरोपियों को भी जमानत मिलने का पर्याप्त आधार है।
धर्मनगरी हरिद्वार में पूरे जून जाम का झाम रहा। इसी दौरान 16 जून को जाम से अपनी कार निकालने को लेकर पंजाब के यात्रियों से पुलिस की झड़प हो गयी थी।मौके पर तैनात टीएसआई अरविंद सिंह राणा का आरोप था कि दो महिला एवं दो पुरुष यात्रियों ने उन्हें न केवल जान से मारने की कोशिश की बल्कि उनका मोबाइल व वायरलैस सेट भी छीन लिया था। जिसके बाद पुलिस ने इन चारों को तत्काल गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।लेकिन इस घटना के बाद जो विडियो सामने आया उसमें पुलिस वाले ही यात्रियों से मारपीट करते दिख रहे थे।पुलिस की फजीहत होते देखने के बाद एसपी हरिद्वार ममता बोहरा ने सीओ को इस मामले में जांच सोंप दी थी, जबकि मामले की गूंज राजधानी पहुंचने पर एडीजी अशोक कुमार ने भी अपने स्तर पर मामले पर जांच बैठा दी थी।
अब तक की पुलिसिया जांच व न्यायिक कार्रवाई में मामला पुलिस के खिलाफ ही जाता दिख रहा है। कोर्ट ने निहत्थे यात्रियों द्वारा टीएसआई को जान से मारने की कोशिश को अतिश्योक्तिपूर्ण मानते हुए दो महिला यात्रियों को जमानत दे दी है।
इसी आधार पर पुरुष आरोपियों को भी बेल मिलने की संभावना है। पुलिस ने भी जांच के दौरान आरोपियों पर से 307 की धारा हटा ली है। पुलिस ने बचाव में यात्रियों द्वारा अभद्रता का विडियो भी प्रसारित किया, लेकिन ये विडियो यात्रियों से पुलिसिया मारपीट के विडियो का काऊंटर नहीं कर सका। मामले को गंभीरता से ले रहे एडीजी अशोक कुमार भी मानते हैं कि इस मामले में पुलिस को संयम से काम लेना चाहिए था व मारपीट नहीं करनी चाहिए थी।उन्होंने बताया कि जांच जारी है और जो भी दोषी होगा उस पर कार्रवाई की जाएगी।