हाईकोर्ट ने गुरविंदर चड्ढा की जनहित याचिका का संज्ञान राज्य सरकार को निर्देशित करते हुए कहा है कि एक सप्ताह में निजी अस्पतालों की हड़ताल के चलते मरीजों की अचानक बढ़ी संख्या पर वो क्या कदम उठा रही है? साथ ही सभी वैकल्पिक कदम जिसमें संविदा पर नए चिकित्सक लगाने से लेकर बाहर के राज्य से चिकित्सक बुलाने तक लेकर एक हफ्ते में रिपोर्ट देने को कहा है।
आईएमए से भी कोर्ट ने कहा कि सीईए एक्ट कोर्ट के आदेशों पर लागू हुआ है और आइएमए जो संशोधन चाहती है तो वह सुप्रीम कोर्ट में अपनी बात रख सकती थी पर उनकी पुनर्विचार याचिका भी खारिज हो चुकी है ऐसे में हाईकोर्ट के आदेश से राज्य सरकार बाध्य है।
कोर्ट ने आईएमए से उत्तराखंड में पंजीकृत सभी क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंटस की लिस्ट भी कोर्ट में जमा करने को कहा है ताकि उस. पर सरकार को कार्यवाही करने को कहा जाय।