हाई कोर्ट ने गफूर बस्ती में रेलवे की भूमि पर सीमांकन के खिलाफ सुनवाई करते हुए राज्य सरकार और रेलवे से जवाब मांगा है। गुरुवार को वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति वीके बिष्ट की एकल पीठ के समक्ष मदरसा गुसाई ख्वाजा गरीब नवाज के इदरीश मलिक की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई हुई। इसमें कहा गया था कि पूर्व में रेलवे द्वारा 29 एकड़ भूमि पर अतिक्रमण का जिक्र किया गया था।
1999 में एक सिविल वाद की सुनवाई के दौरान रेलवे द्वारा निचली अदालत में शपथ पत्र देकर गौला नदी की तरफ 75 फुट व पश्चिम की तरफ 45 फुट भूमि पर अपना स्वामित्व बताया था। जबकि वर्तमान में रेलवे द्वारा पश्चिम में आठ सौ से नौ सौ फुट तक खंबे गाड़े जा रहे हैं, जो गलत हैं।
एकलपीठ ने मामले को सुनने के बाद सरकार और रेलवे को जवाब दाखिल करने के आदेश पारित किए। उल्लेखनीय है बुधवार को सर्वोच्च अदालत ने हाई कोर्ट के गफूर बस्ती से अतिक्रमण हटाने के आदेश पर तीन माह की अंतरिम रोक लगा दी थी। जिससे जिला एवं पुलिस प्रशासन को खासी राहत मिली थी।