कृष्णा बिष्ट
बागेश्वर जिले का सुदूर क्षेत्र पिंडारी ग्लेशियर देश-विदेश मे अपनी खूबसूरती के लिए विख्यात है। यही कारण है जो देश-विदेश से लोग हजारों किलोमीटर का सफ़र कर यहां खिंचे चले आते हैं। किन्तु खूबसूरती के साथ-साथ यह क्षेत्र सामरिक दृष्टि से भी अति महत्वपूर्ण है, जो कभी भी प्रशासनिक लापरवाही के कारण देश की सुरक्षा के लिए खतरा बन सकता है, हर साल पिंडारी ग्लैशयर सैकड़ों ट्रेकर ट्रेक पर जाते हैं किन्तु किसी की भी न तो उचित वेरिफिकेशन की ही कोई व्यवस्था है और न ही उन का उचित रिकॉर्ड ही रखा जाता है।
यह स्थिति तब है जब कुछ समय पूर्व सुरक्षा एजेंसियों को इस क्षेत्र मे संदिग्ध व्यतियों द्वारा सैटेलाइट फ़ोन इस्तेमाल करने की सूचना पर हड़कंप मंच गया था।यह पिंडारी से चमोली निकलने की फिराक में थे।
हाल ही मे क्षेत्र के एक प्रतिष्ठित होटल व्यापारी को बगैर आई.डी लिये पर्यटकों को अपने होटल में रखने के जुर्म में भारी कानूनी कार्यवाही का भी सामना करना पड़ा था।
किन्तु वन विभाग है जो राष्ट्रीय सुुरक्षा से जुड़े मुद्दे पर भी अपनी नींद से जागने को तैयार ही नहीं है ।
जिस का ताज़ा उदाहरण अभी पिछले माह का है, जब रायपुर छतीसगढ़ निवासी वागेश चन्द्रा नामक 28 वर्षीय युवक 6सितम्बर को पिंडारी ग्लेशयर के ट्रेक पर निकला था, किन्तु जब काफ़ी समय बीतने पर घरवालों को वागेश की कोई खबर नहीं मिली तो रिश्तेदार उसे ढूंढते हुए 29 सितम्बर को छतीसगढ़ से बागेश्वर पहुंच गये, तब कहीं जाके प्रशासन को वागेश चन्द्र के पिंडारी ट्रेक पर जाने का पता चला। जिला प्रशासन ने अपनी तरफ से उसे खोजने का प्रयास तो किया किन्तु सफलता हाथ नहीं लगी। तब 6 अक्तूबर को प्रशासन की मांग पर देहरादून से प्रोफेशनल्स की टीम वागेश चन्द्रा को खोजने पहुंची। किन्तु सूत्रों के मुताबिक उन के हाथ भी निराशा ही लगी है और अब टीम वापस लौट रही है जो शायद एक या दो दिन मे कपकोट पंहुच जायंगे।
ये भी एक विडम्बना ही है जो इतना सवेंदनशील जिला पूर्व DFO की आकस्मिक मृत्यु के बाद पिछले कई महीनों से बगैर DFO के ही चल रहा है। वर्तमान मे अल्मोड़ा के DFO आर.सी.शर्मा को बागेश्वर का अतिरिक्त चार्ज दिया गया है।
आर.एस बिष्ट (एस.डी.ऍम, कपकोट) कहते हैं कि उनकी जुलाई 2017 को पिंडारी ग्लेसियर के ट्रेकिंग मार्ग मे जाने वाले ट्रेकरों के रिकॉर्ड रखने, पासपोर्ट चेक करने व एडवाइजरी ज़ारी करने के लिये रजिस्ट्रेशन सेंटर खोलने के सम्बन्ध मे वनविभाग से मीटिंग हुई थी, किन्तु वनविभाग ने इस पर उचित कार्यवाही नही की।
एसडीएम कहते हैं-” अब जब यह वाकया हुआ है तो वन विभाग ने अपने कुछ सेंटर खोले हैं, मैं कुछ दिनों मे स्वंय उन का निरीक्षण करूंगा। इस बार कोई खामी मिलने पर अपनी तरफ से कड़ी कार्रवाई करूँगा”।
बलबन्त भौर्याल (विधायक, कपकोट)के अनुसार यह एक गंभीर मामला है। भौर्याल कहते हैं-” मैने मुख्यमंत्री से मिलकर बागेश्वर के लिये अतिशीघ्र DFO की नियुक्ति की मांग की है, जो उम्मीद है जल्द से जल्द पूरी होगी। इस के अलावा मैं ट्रेकर की गुमशुदगी के मामले को संजीदगी से दिखवा रहा हूँ, इस पर भविष्य मे जो भी आवश्यक कदम उठाने की आवशकता होगी हम उठायंगे.”