सडक निर्माण की मिल गई स्वीकृति। पर्वत जन की खबर का असर।
साठ दिन के धरने के बाद डीएम के आश्वासन पर उठाया गया था धरना ।
चमियारी -उलण मोटर मार्ग को वन विभाग से मिली स्वीकृति।
गिरीश गैरोला
उत्तरकाशी जिले के यमुनोत्री विधानसभा अंतर्गत चमियारी -गमरी- उलण मोटर मार्ग की मांग को लेकर बरसों से चल रहा आंदोलन जब साठ दिन के धरने में तब्दील हो गया तब जिलाधिकारी उत्तरकाशी डॉ आशीष कुमार चौहान ने 5 फरवरी को खुद मौके पर जाकर आंदोलनकरियो को जल्दी वन विभाग की स्वीकृति दिलवाने का भरोसा दिया था । जिसके बाद पर्यावरण एवम जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार के क्षेत्रीय कार्यालय सुभाष रोड देहरादून से अपर सचिव उत्तराखंड शासन को मोटर मार्ग निर्माण हेतु 4. 879 हेक्टेयर भूमि का प्रत्यावर्तन लोक निर्माण विभाग को करने के लिए 5 शर्तो के साथ सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की गई है।
पत्र में जिन शर्तो का उल्लेख किया गया है उनमें
प्रत्यावर्तीत भूमि के बदले दोगुनी 9.758 हेक्टेयर भूमि ग्राम इंद्रा
में प्रतिपूरक वृक्षारोपण के लिए नामांतरण और हस्तांतरण करने एवं उसके 10 वर्षों तक रखरखाव के लिए आवश्यक धनराशि वर्तमान दरों पर जमा कराने की बात कही गयी है।
गौरतलब है कि इलाके के ग्रामीण जनता लंबे समय से विभाग द्वारा कोरे अस्वासानो से त्रस्त होकर
5 फरवरी को धरने को दो माह पूरा होने पर आमरण अनशन शुरु करने की तैयारी में थे किंतु मौके पर पहुंचे जिलाधिकारी आशीष चौहान ने धरने पर मौन व्रत धारण कर सरकार से नाराजी जता रहे वरिष्ठ नागरिक शेर सिंह राणा को भरोसा दिलाया कि उनके स्तर से वन विभाग से सड़क निर्माण की स्वीकृति दिलाने हेतु कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जाएगी।जिसके बाद 12 मार्च को वन भूमि हस्तांतरण की अनुमति मिलने के बाद आंदोलन से जुड़े शिव शंकर पैन्यूली ने जिला प्रशासन , विधायक यमनोत्री केदार सिंह रावत और लोक निर्माण विभाग का धन्यवाद करते हुए उम्मीद जताई है कि जल्दी ही पर्यावरण मंत्रालय की पांच शर्तो को पूरा करते हुए उलण गाव तक सड़क निर्माण शुरु हो जाएगा और गाव में उत्पादित दूध घी और शब्जी को बाजार मिल सकेगा और कही न कही पलायन पर भी रोक लग सकेगी।