गिरीश गैरोला
उत्तराखंड में राज्य सरकार के 1 वर्ष का कार्यकाल पूरा होने के उपलक्ष्य में पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज उत्तरकाशी जनपद के सुदूरवर्ती मोरी ब्लॉक के सावणी गांव के अग्निकांड पीड़ितों से मिलने जा पहुंचे। सवाल उठ रहे हैं कि आखिर महाराज ने यही दिन क्यों चुना ?
सतपाल महाराज के इस कदम को अपनी उपेक्षा के जवाब के रूप में देखा जा रहा है एक साल पूरा होने के अवसर पर 18 मार्च को सरकार ने अखबारों में पर्यटन विभाग से संबंधित एक विज्ञापन जारी किया। पिछले साल भी नवरात्र के अवसर पर यही विज्ञापन जारी हुआ था। विज्ञापन तो एक जैसा था किंतु पिछली बार इस विज्ञापन में सतपाल महाराज और दीनदयाल उपाध्याय के फोटो भी थे, इस बार इस विज्ञापन में इन दोनों के फोटो नदारद थे और सिर्फ मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का ही फोटो प्रकाशित था। अपने ही मंत्रालय के विज्ञापन में अपनी ही फोटो गायब देखकर सतपाल महाराज और उनके समर्थक खासे नाराज बताए जा रहे हैं।
हालांकि कुमांऊ के संस्करण प्रकाशित इसी विज्ञापन मे सिर्फ महाराज का ही फोटो था। जबकि सीएम का फोटो नदारद था।
यह विभाग की गलती से हुआ या कोई और कारण से, यह स्पष्ट नही है।
- सरकार के एक साल पूरा होने के अवसर पर जहां सभी मंत्री सारा दिन देहरादून में मौजूद थे, सतपाल महाराज का कार्यक्रम में शामिल होने से पहले सावणी का दौरा यह बताने की एक कोशिश थी कि इस अवसर पर सरकार को जश्न मनाने के बजाय जरूरतमंदों का दुख दर्द भी बांटना चाहिए।
जिस तरह से राजनेता अपने जन्मदिन पर सरकारी अस्पतालों में फल वितरण इत्यादि करते हैं, कुछ इसी अंदाज में सतपाल महाराज सरकार की पहली वर्षगांठ के अवसर पर सावणी गांव के अग्नि पीड़ितों के बीच जा पहुंचे।
राजनीतिक विश्लेषक इस दौरे को सतपाल महाराज के सियासी कोप भवन के तौर पर देख रहे हैं। या फिर इसे एक लंबी लकीर की तरह देखा जा रहा है। हालांकि महाराज का यह कार्यक्रम पूर्व निर्धारित था और इसकी तैयारियां भी की गई थी।
पर्यटन मंत्री का हेलीकॉप्टर जखोल गांव में बने अस्थाई हेलीपैड पर उतरा। करीब 2 घंटे तक पर्यटन मंत्री ग्रामीणों के बीच में रहे। महाराज लगभग साढे दस बजे कार्यक्रम स्थल पर पहुंच गये थे तथा दो घंटे बाद दून लौट आए।
इस दौरान मानव उत्थान सेवा समिति द्वारा अग्निकांड से पीड़ित ग्रामीणों को राहत सामग्री वितरित की गई। पर्यटन मंत्री ने इलाके के लिए तीन घोषणाएं भी की।
पर्यटन,सिचाई एवं संस्कृति मंत्री मा.सतपाल महाराज ने अग्निकांड प्रभावित 46 परिवार को कंबल, वस्त्र एवं खाद्य सामग्री वितरित की। उन्होेंने अग्निकांड से प्रभावित परिवारों के प्रति संवेेदना प्रकट करते हुए कहा,-” इस दुःखद घड़ी में आपका साथ एवं सहायता देने मै आज यहां आया हूं।”
पर्यटन मंत्री श्री महाराज ने इस मौके पर ग्रामीणों की मांग पर ग्राम जखोल को पर्यटन ग्राम घोषित करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि देवक्यारा बुग्याल को पर्यटन के नक्शे में सम्मलित किया जाएगा।
जखोल सरूताल झील का भी सौन्दर्यीकरण करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि यहाँ के ग्रामीणों ने अपनी संस्कृति एवं परम्परा को आज भी संजोए रखा है। जिस प्रकार ग्रामीण जीवन है और लकड़ी के मकान हैं, वैसे ही यहाँ ट्राईवल टूरिज्म भी होना चाहिए। उन्होंने कहा ट्राईवल टूरिज्म में जखोल गांव को प्रथम स्थान मिलेगा।
संस्कृति मंत्री श्री महाराज ने कहा कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए धार्मिक सर्किट बनाये जा रहें है। उन्होंने कहा कि देवी भगवती मंदिर को जोड़ते हुए कुमांऊ और गढ़वाल को धार्मिक पर्यटन से भी जोड़ा जा रहा है।
हम यहां अपनी पाठकों से एक और पहलू साझा करना चाहते हैं। आपने दैनिक जीवन में अथवा फिल्मों में यह देखा होगा कि जब प्रेमी- प्रेमिका की आपस में कुछ अनबन हो जाती है तो वह एक दूसरे को जलाने के लिए कोई दूसरा पार्टनर झूठ-मूठ के लिए बना लेते हैं और उनसे मोहब्बत के वादे- इरादे जताते हैं। किंतु जब उनका पुराना पार्टनर मान जाता है तो फिर वह नए पार्टनर को भूलकर वापस पुराने पार्टनर के साथ ही गलबहियां करने लग जाते हैं। किंतु इस बीच उनका नया पार्टनर भी प्रेम में पड़ जाता है और विरह वेदना में जलने लगता है। यहां भी कहीं ऐसा न हो कि सरकार से नाराज सतपाल महाराज सत्ता में तवज्जो मिलते ही सावनी गांव के ग्रामीणों से किए हुए वादे भूल जाएं !