मेरा गाँव मेरा प्रबंधन।जामक गाँव में सहभागिता से हुआ जल प्रबंधन।प्रति व्यक्ति को 70 लीटर पानी गिरीश गैरोला।
पेयजल की सरकारी योजना के दम तोड़ने के बाद रिलायंस फाउंडेशन ने ग्रामीणों में आपसी सहभागिता से जल प्रबंधन की योजना योजना बनाकर जल दिवस के मौके पर ग्रामीणों के सुपुर्द कर एक अनूठी पहल की सुरुआत कर दी है। इस योजना से प्रति व्यक्ति को 70 लीटर पानी प्रतिदिन उपलब्ध होगा। प्रति परिवार 500 रु पंजीकरण शुल्क और 30 रु प्रति माह शुल्क लेकर ग्रामीणों की ही बनायीं गई समिति जल प्रबंधन का कार्य करेगी। इस जल प्रबंधन योजना के बाद जहां महिलाओं की पीठ का बोझ कम हुआ है वहीं लोगों को शुद्ध जल भी उपलब्ध हुआ है। करीब 2 लाख 97 हजार की लागत से 20 हजार लीटर के टैंक में डेढ़ किमी दूर से पानी लेकर जमा किया जायेगा।
उत्तरकाशी जनपद के भटवाडी ब्लॉक के एक गाँव जामक ने जल प्रबन्धन मे एक मिसाल कायम की है। विश्व जल दिवस के मौके पर माता राज राजेश्वरी ग्राम समिति ने रिलाइन्स फाउंडेशन के सहयोग से बनी ड्रिंकिंग वॉटर स्कीम को गाँव के शुपूर्द कर दिया गया। वर्ष 2013 की बाढ के बाद से ही इस गाँव मे जल संकट शुरू किया था। और इसके चलते लोगों को नहर के पानी और साथ ही गाँव से नज़दीक 500 मीटर दूर के गधेरे से पानी पीने को मजबूर होना पड़ रहा था। इसके चलते कई बार गाँव मे जल जनित रोगों का ख़तरा बढ गया था। वर्ष 2016 मे रिलाइन्स फाउंडेशन द्वारा इस गाँव मे ग्राम विकास योजना का निर्माण कर एक समिति का गठन किया गया। ग्राम विकास योजना के दौरान समुदाय ने पानी को प्रथम प्राथमिकता बताया और आज समुदाय की सक्रिय भागीदरिता से आज यह गाँव अपने पानी के प्रबंधन मे सफल हो गया है। पानी के समस्त कार्य के लिए जल प्रबंधन समिति का गठन किया गया। इस समिति मे अभी तक 47 परिवारों ने रुपया 500 का पंजीकरण शुल्क जमा किया है और प्रत्येक माह यह परिवार रुपया 30 मासिक शुल्क के रूप मे समिति मे जमा करेंगे।
जल समिति के अध्यक्ष श्री दलेव सिंह राणा बताते हैं कि प्रारंभ मे सदस्यों ने स्कीम के प्रति रूचि नही दिखाई और कई लोग यह भी समझते रहे कि इस कार्य मे भी ठेकेदारी हो रही है, लेकिन धीरे धीरे लोग जुड़ते गये।
नतीजतन आज पूरे गाँव मे पीने के पानी की समूचित व्यवस्था हो गयी है। इस पूरे काम मे कुल रुपया 2.97 लाख की लागत आई है।
एक अन्य सदस्य बजरंग सिंह राणा का कहना था कि हम आज गर्व से कह सकते हैं कि अपनी अगली पीढी को कम से कम साफ पानी दे कर जाएँगे।
समिति की अध्यक्ष श्रीमती अमरा देवी ने बताया कि इस कार्य मे महिलाओं ने आगे बढ कर काम किया है। और इसका परिणाम सभी घरों मे पानी की उपलब्धता के तौर पर मिला है। इससे महिला के बोझ में कमी आई साथ ही खुले मे शौच की समस्या से भी निजात मिली है।
रिलाइन्स फाउंडेशन के प्रॉजेक्ट डाइरेक्टर कमलेश गुरुरानी ने बताया की 70 परिवारों को पानी पहुँचाना हमारे लिए भी एक चुनोती थी लेकिन समुदाय के प्रतिभाग से आज गाँव मे पानी पहुँच गया है।
पानी पहुँचाने के लिए 20,000 लीटर का वॉटर स्ट्रक्चर बनाया गया है और लगभग 1.5 किलो मीटर दूर से पानी को गाँव मैं लाया गया है। इसके अलावा पूर्व मैं बने 10000 लीटर के स्ट्रक्चर मे भी पानी पहुँचाया गया है। इस पूरे काम को इस प्रकार से प्रबन्धित किया है ताकि प्रति व्यक्ति को 70 लीटर पानी प्रतिदिन की उपलब्धता रहे।
उन्होंने भरोसा जताया कि भविष्य मे यह गाँव अपने पानी के प्रबंधन को और मजबूत कर जल प्रबंधन का एक मॉडल स्थापित करेगा।