नीरज उत्तराखंडी
उत्तरकाशी के विकास खण्ड मोरी के भखवाड़ गाँव के ग्रामीण शासन प्रशासन और जन प्रतिनिधियों की उपेक्षा तथा उदासीन रवैये के चलते पुल के अभाव में ट्राली के सहारे टोंस नदी पार करने को विवश हैं।
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टोंस नदी में पुल न होने से ग्रामीणों को ट्राली के सहारे मोरी-त्यूनी मोटर मार्ग पहुँचना पड़ता है। पीठ पर चारा-पत्ती ,लकड़ी ,घास का बोझ लादे अपनी जान जोखिम में डालकर टोंस नदी की उफनती लहरों का ट्राली में बैठकर सामना कर गाँव पहुँचाना यहाँ की महिलाओं की दिनचर्या में शामिल है। लेकिन ग्रामीणों की इस बुनियादी सुविधाओं की मांग से सरकार को सरोकार नहीं है।
जोखिम से जा चुकी कई गांव वालों की जान
जोखिम भरी इन परिस्थितियों में अब तक तीन लोगों की जान जा चुकी है। ट्राली के पलटने से तीन ग्रामीण टोंस नदी पार करते समय उफनती लहरों में समा कर सदा को सो गये लेकिन शासन प्रशासन की नींद नहीं खुली।
भखवाड़ गाँव में अनुसूचित जाति,अल्पसंख्यक,तथा सामान्य जाति के 100 से अधिक परिवार निवास करते हैं।लगभग 1500 की इस जनसंख्या के लिए आवाजाही के लिए ट्राली के सिवा कोई विकल्प नहीं है। प्रसव से पीड़ित महिलाओं तथा बीमार ग्रामीणों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है ।इस ट्राली से हुए अलग-अलग हादसे में अब तक तीन ग्रामीणों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा।
ट्राली से हुए हादसो में अब तक सत्तार दीन पुत्र अलफा(50),गणेश लाल पुत्र जयराम(45), तथा ध्यानू (60) अपनी जान गंवा चुके हैं। लेकिन सरकार की नींद नहीं खुली। न ही शासन प्रशासन ने मृतक के परिजनों को कोई आर्थिक सहायता दी। ग्राम प्रधान श्रीमती अतरी देवी का कहना है कि ट्राली से हुए हादसों में नदी की उफनती लहरों में गिरने से अब तक तीन लोगों की जान जा चुकी है।शासन प्रशासन को नदी में झूला पुल निर्माण की मांग की गई लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है।वहीं गाँव के पूर्व प्रधान राजेन्द्र सिंह पंवार,भवान सिंह,प्रमोद पंवार,विरेन्द्र सिंह,चन्दराम का कहना है कि यदि शासन-प्रशासन उनकी इस जायज मांग का शीघ्र समाधान नहीं करती है तो उन्हें आन्दोलन करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा।
ग्रामीणों का कहना है कि वर्ष 2015 में 10 लाख रुपये की लागत से यहां ट्राली का निर्माण किया, जिससे फौरी तौर पर कुछ राहत तो मिली लेकिन जोखिम कम नहीं हुआ है। इससे पूर्व तो यहाँ एक तार के सहारे टोंस नदी पार करना पड़ता था।
वहीं उप जिलाधिकारी पूर्ण सिंह राणा का कहना है कि ग्रामीणों की यह समस्या उनके संज्ञान में है, जिसका शीघ्र समाधान किया जायेगा। उन्होंने कहा कि लोनिवि के अधिशासी अभियन्ता तथा खण्ड विकास अधिकारी के साथ संयुक्त स्थलीय निरीक्षण के बाद झूला पुल निर्माण का प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया है।