देवभूमि कहा जाने वाला उत्तराखंड समय के साथ संवेदनहीन होता जा रहा है। इसका एक शर्मनाक उदाहरण हालिया वीडियो में देख सकते हैं।
देखिए वीडियो
वीडियो में एक गढ़वाली परिवार की बहू अपनी सास को हाथ में दरांती लेकर बेरहमी से मार रही है और जमीन पर पटक रही है, लेकिन बेटा उसे बचाने के बजाए मज़े से वीडियो बना रहा है।
मां बहू की मार से बचने के लिए बहू को कभी प्रधान के पास चलने को कह रही है और कभी थाने में चलने को कह रही है।
बेटे को वीडियो बनाते देख बहु सास को घसीटकर और धकिया कर भूतल के कमरे में ले जा रही है और सास उससे बचने की कोशिश कर रही है। आखिरकार बहू सास को धकिया कर कमरे के अंदर मुंह बंद करके धकेल देती है और अंदर फिर क्या होता है इसका पता नहीं लग पाता क्योंकि वीडियो इतनी ही समय का है।
यह वीडियो निश्चित तौर पर कब का और किस स्थान का है यह तो नहीं कहा जा सकता, लेकिन वीडियो में बोली-भाषा सुनकर कोई भी यह अंदाजा लगा सकता है कि यह एक गढ़वाली परिवार है। बोली-भाषा और पहनावे तथा मकानों के डिजाइन से यह जगह भी टिहरी के किसी गांव की है, यह निश्चित तौर पर जान पड़ता है। यदि यह वीडियो और खबर वायरल होती है तो आसानी से बूढ़ी महिला पर अत्याचार कर रही यह युवती और वीडियो बनाने वाले शख्स की आराम से पहचान हो सकती है।
घरेलू बुजुर्गों पर नही रुक रही हिंसा
गौरतलब है कि घरों में वृद्धों पर हो रहे जुल्मों में उत्तराखंड अहम स्थान रखता है। पिछले दिनों हेल्पेज इंडिया द्वारा जारी एक सर्वे रिपोर्ट के अनुसार उत्तराखंड का मंगलौर पूरे देश में परिवार के वृद्ध जनों पर जुल्म ढाने वाले शहरों में नंबर एक पर है।
उत्तराखंड में सीनियर सिटीजन और उन पर हो रहे घरेलू जुल्मों के खिलाफ संविधान में विभिन्न प्रावधानों की पर्याप्त जागरूकता नहीं है। गौरतलब है कि जुल्म ढाना तो दूर की बात यदि परिवार में बहु बेटे अपने बुजुर्गों की देखभाल भी नहीं करते तो कानून के अनुसार उन्हें जेल और जुर्माना दोनों हो सकता है।
घरेलू हिंसा रोकने के लिए आजादी के बाद से ही 125 सीआरपीसी की धारा के तहत बहुत से कानून बनाए गए हैं। आमतौर पर बुजुर्गों को यह पता ही नहीं होता कि वह घरेलू हिंसा से कैसे निपटें !