सचिवालय में नौकरी के नाम पर रुपये ठगने वाला अभियुक्त गिरफ्तार
दिनाँक 1जून 2018 को श्री अरविंद चंदोला, अनुभाग अधिकारी सचिवालय , देहरादून द्वारा थाना कोतवाली नगर पर लिखित सूचना दी कि आज प्रातः प्रवेश पत्र कार्यलय उत्तराखंड सचिवालय में श्री हेमंत बोरा, प्रवेश बोरा, श्री सुनील व आदित्य कन्याल नाम के व्यक्ति आये और संविदा पर नौकरी संबंधी प्रवेश पत्र बनाये जाने हेतु प्रस्तुत किया गया कि आज दिनाँक 1 जून 18 कों प्रातः 9.30 बजे उनकी नियुक्ति किये जाने हेतु सचिवालय में उपस्थित होना है। जिस पर प्रवेश पत्र कार्यालय द्वारा आदेशो का परीक्षण करने पर संदेह की स्थिति में श्री सुनील सिंह संयुक्त सचिव उत्तराखंड शासन के हस्ताक्षर का कार्यालय की पत्रावलियों से मिलान किया गया तो पाया कि श्री सुनील सिंह संयुक्त सचिव के पत्रावली में उपलब्ध हस्ताक्षर एवम उपरोक्त प्रवेश पत्रो पर मौजूद हस्ताक्षर में काफी भिन्नता है, प्रवेश पत्र कार्यलय के अन्य कर्मियों से पूछताछ पर अवगत हुआ कि सचिवालय स्थित nss कार्यालय में उपनल के माध्यम से कार्यरत कार्मिक संदीप सिंह बिष्ट द्वारा 60,000 रुपये लेकर उनको उपरोक्त फर्जी नियुक्ति पत्र दिए गए, प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए कार्यालय में उक्त व्यक्तियों के साथ उपस्थित श्री संदीप बिष्ट से पूछताछ की गई । उक्त पूछताछ में संदीप बिष्ट द्वार स्वीकार किया गया कि फर्जी कार्यालयादेश उसी के द्वारा बनाया गए। उक्त सूचना पर थाना कोतवाली पर उचित धाराओ में अभियोग पंजीकृत किया गया। इसी क्रम में दिनाँक 13 जून 18 को श्री इमरान खान पुत्र मो0 मकसूद नि0 ग्राम कंडोली पौंधा देहरादून द्वारा भी लिखित सूचना दी कि संदीप बिष्ट जो कि अपने आपको सचिवालय में नौकरी करने और बड़े बड़े अधिकारियों से बात होने का झांसा देकर प्रांतीय रक्षक दल/ अन्य विभागों में 16 लोगो से अब तक प्रत्येक से 60,000 रुपये के हिसाब से कुल 9,60,000 रुपये नौकरी लगाने के नाम पर लेकर फरार हो गया है, इस सूचना पर थाना कोतवाली पर अभियोग पंजीकृत कर विवेचना प्रारम्भ की गई, उक्त मामला सचिवालय उत्तराखंड से जुड़ा होने, की गंभीरता को देखते हुए, श्रीमान वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महोदया द्वारा स्वयं संज्ञान लिया गया , तथा मामले की विस्तृत व निष्पक्ष जांच व अभियुक्त की गिरफ्तारी हेतु श्रीमान पुलिस अधीक्षक नगर, व co city महोदय के निकट पर्यवेक्षण, व प्रभारी निरीक्षक के निर्देशन में व0उप0 निरीक्षक के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया, टीम द्वारा पीड़ितों से प्राप्त दस्तवेजो का परीक्षण कराया गया, जिसमे आरोपी संदीप बिष्ट द्वारा फर्जी प्रवेश व नियुक्ति पत्र बनाया जाना पाया गया, उक्त घटना क्रम के बाद अभियुक्त फरार हो गया, जिसकी संभावित स्थानो पर तलाश हेतु दविश दी गयी, तथा पुलिस सूत्रों को भी अवगत कराकर उक्त की गिरफ्तारी हेतु सूचना में लगाया गया, इसी क्रम में दिनाँक 16 जून को पुलिस सूत्रों से जानकारी मिली कि उक्त अभियुक्त अभी अभी अपने घर कोटद्वार में मोजूद है, इस सूचना पर एक पुलिस टीम तत्काल कोटद्वार रवाना की गई तथा अभियुक्त के घर पर दबिश दी गयी तो अभियुक्त संदीप बिष्ट घर पर मिला जिसको रात्रि में गिरफ्तार किया गया। अभियुक्त को आज मान0 न्यायालय पेश कर जिला कारागार देहरादून दाखिल किया गया है।
*नाम पता अभियुक्त*
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*संदीप सिंह बिष्ट पुत्र बृजमोहन बिष्ट नि0 पोस्ट पदमपुर थाना कोटद्वार पौड़ी गढ़वाल । हाल पता नवादा देहरादून। उम्र 34 वर्ष।*
*पूछताछ का विवरण*
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अभियुक्त ने पूछताछ पर बताया कि यह b.com कोटद्वार से पढ़ा है, शादी शुदा है, एक बच्चा है, पिताजी आर्मी से सूबेदार मेजर से सेवानिवृत्त है, वर्ष 2010 में उपनल से सचिवालय में नौकरी पर लगा था, यहां इसको प्रतिमाह 8,600 रुपये प्राप्त होते थे, सब कुछ ठीक चल रहा था, की किसी कारण से अगस्त 2017 में नौकरी छोड़ दी थी, क्योंकि घर का गुजारा नही चल पा रहा था, और कई जगह पर नौकरी की तलाश की गयी किन्तु कोई अच्छी नौकरी नही मिली, पढ़ाई के दौरान इसको कंप्यूटर ऑपरेटिंग का अच्छा ज्ञान भी था, ज्यादा पैसा कमाने के लालच में खुद योजना बनाई की संविदा/उपनल पर लोगो को भर्ती करने के बदले मोटी रकम ली जाए, इसके बारे में इसने श्री चंचल जो किअपर सचिव , के निजी स्टाफ में चतुर्थ श्रेणी के रूप में तैनात हैं, को बताया और उससे भी कहा कि मेरी अधिकारियो से अच्छी बात है, संविदा पर प्रांतीय रक्षा दल व अन्य विभागों में उपनल पर युवक व युवतियों को जो तुम्हारी जान पहचान में हो उनको नौकरी लगवा सकता हु, तो चंचल की मध्यस्थता से कुछ युवक व युवतियों को चंचल के माध्यम से इसको मिलवाया और नौकरी के बदले प्रत्येक कंडीडेट से 60,000 रुपये लेने का तय हुआ, उसके बाद कुछ पैसे अड्वान्स में देने के लिए कहा गया, और वाकी पैसे नियुक्ति पत्र व प्रमाण पत्र मिलने के बाद लेना तय हुआ, उसके बाद संदीप द्वारा अपने कंप्यूटर पर फर्जी नियुक्ति पत्र व प्रमाण पत्र व प्रवेश पत्र आदि बनाये गए, जो कि पत्रावली पर संलग्न किये गए हैं, तथा स्वयम ही उनपर अनुभाग अधिकारी के हस्ताक्षर भी बनाये गए, इसके द्वारा यह भी बताया गया कि सचिवालय में नौकरी के दौरान नियुक्ति पत्र, प्रवेश पत्र व प्रमाण पत्र को अक्सर कार्यलयों में बनते देखा था, जिनके फॉर्मेट की पूर्ण जानकारी उसको हो गयी थी, समस्त कंडिडेट्स को उक्त बनाये गए फर्जी प्रमाण पत्रों को चंचल के माध्यम से देकर बचा हुआ पैसा लिया गया, कुछ हिस्सा चंचल ने भी अपने पास रखा, इस प्रकार अब तक इनके द्वारा सचिवालय से नौकरी लगाने के नाम पर कुल 24 युवको से करीब 14 लाख 44 हज़ार रुपये हड़प लिए गए हैं, अभियुक्त द्वारा सभी पैसा खर्च करना बताया गया है, विस्तृत पूछताछ में अन्य महत्वपूर्ण जानकारी दी गयी है, प्राप्त तथ्यों का विश्लेषण व परीक्षण कर अन्य के विरुद्ध आवश्यक वैधानिक कार्यवाह जी जाएगी। अब तक की जांच से अन्य किसी व्यक्ति के संलिप्तता का होना प्रकाश में नही आया है, अन्य जानकारी व बरामदगी हेतु अभियुक्त को पीसीआर पर लिया जाएगा। अभियुक्त अत्यंत शातिर किश्म का है, जो की अभी तक पकड़ा नही गया है, कंप्यूटर व साइबर क्राइम की जानकारी रखता है। चंचल की तलाश जारी है।
*अपराध का तरीका*
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बेरोजगार युवकों को सचिवालय में अपनी बात होने का हवाला देकर नौकरी दिलाने के नाम पर धोकाधड़ी से फर्जी प्रमाण पत्र, नियुक्ति पत्र आदि खुद तैयार कर फर्जी हस्ताक्षर बनाकर पैसे ठग लेना।
*पुलिस टीम*
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प्रभारी निरीक्षक श्री bbd जुयाल
व0उ0निरीक्षक अशोक राठौड़
उप0निरी0 कुलदीप पंत चौकी प्रभारी धारा
उप0निरी0 महावीर सिंह
कानि0योगेश
*नोट-अभियुक्त केआपराधिक इतिहास की संबंधित थानों से जानकारी की जा रही है।*