रुद्रपुर विधानसभा के भाजपा विधायक राजकुमार ठुकराल द्वारा पुलिस बल के साथ अकसर बढ़ती झड़पों से आजिज आकर पुलिस के आला अधिकारियों ने विधायक ठुकराल की शिकायत भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से कर दी है। यही नहीं मुख्यमंत्री को कॉपी भी कर दी है। सरकार तथा संगठन में पुलिस की इस कार्यवाही से अजीबोगरीब स्थिति उत्पन्न हो गई है।
भाजपा के विधायक ठुकराल काफी लंबे समय से लव जिहाद से लेकर हिंदू मुस्लिम दंगों से जुड़े मामलों में आक्रामक रुख अपनाते हुए कई बार पुलिस से भिड़ चुके हैं।
पिछले 1 साल के अंदर-अंदर इन मसलों पर पुलिस से उनकी कई बार बेहद तीखी नोकझोंक हो चुकी है, किंतु उत्तराखंड सरकार ने तथा भाजपा संगठन ने उनके खिलाफ कोई एक्शन लेने के बजाय उनके पक्ष में ही मजबूती से अपना समर्थन व्यक्त किया।
कुछ समय पहले गर्जिया देवी मंदिर मे मुस्लिम समुदाय के एक युवक के हिंदू समुदाय के एक लड़की के साथ घूमने पर विधायक राजकुमार ठुकराल की समर्थक भीड़ ने युवक की पिटाई कर दी थी।
सब इंस्पेक्टर गगनदीप ने जान की बाजी लगाकर बड़ी मुश्किल से युवक को भीड़ के चंगुल से बचाया था। डीजीपी ने गगनदीप के इस बहादुरी भरे कार्य के लिए गगनदीप को सम्मानित भी किया था।
कुछ दिन पहले ही सीपीयू की एक महिला दरोगा से भी विधायक राजकुमार ठुकराल ने जमकर अभद्रता की थी। दरअसल विधायक ठुकराल की विधानसभा क्षेत्र के एक व्यक्ति को बिना हेलमेट शराब पीकर बाइक चलाने तथा पुलिस से अभद्रता करने की मामले में सीपीयू की महिला दरोगा ने चालान कर दिया था। किंतु जब बाइक सवार पुलिस से भिड़ बैठा तो पुलिस व्यक्ति को थाने ले आई थी।
इस पर विधायक ठुकराल ने महिला दरोगा से जमकर कहासुनी की और भरी पब्लिक में महिला दरोगा को बदतमीज कह डाला। पुलिस बल का इस तरह से मनोबल तोड़े जाने की घटनाओं को पुलिस मुख्यालय ने बेहद संजीदगी से लिया। तथा जब सरकार और प्रदेश भाजपा संगठन में विधायक ठुकराल का जवाब तलब करने के बजाय उनके इस तरह के व्यवहार का समर्थन किया तो पुलिस मुख्यालय के एक अधिकारी ने बाकायदा मुख्यमंत्री तथा भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को विधायक ठुकराल द्वारा पुलिस के साथ की जा रही इस तरह के व्यवहार की शिकायत कर दी।
इस पत्र से सरकार तथा संगठन मे अंदरखाने चर्चा का माहौल गर्म है। सवाल उठ रहे हैं कि क्या प्रदेश सरकार तथा प्रदेश भाजपा संगठन का अपने विधायकों पर कोई नियंत्रण नहीं रह गया है जो पुलिस के आला अधिकारियों को केंद्रीय आलाकमान को पत्र लिखना पड़ रहा है ! जाहिर है कि इससे प्रदेश सरकार तथा भारतीय जनता पार्टी की छवि को भी नुकसान पहुंच सकता है। राज्य में कानून एवं व्यवस्था सभी के लिए समान रूप से लागू है। इसे किसी धर्म अथवा पार्टी के अनुसार संचालित नहीं किया जा सकता। सरकारें आती जाती रहती हैं, किंतु इस तरह की घटनाओं से पुलिस तथा राज्य की व्यवस्था पर भी नकारात्मक असर पड़ता है। हालांकि पुलिस के कोई भी अधिकारी इस तरह के पत्र की आधिकारिक पुष्टि करने को तैयार नहीं है।