मनोज नौडियाल
कोटद्वार। वर्ष 2018 कोटद्वार और आस-पास के क्षेत्र के लिए मिलाजुला रहा। इस दौरान जहां क्षेत्र ने कई उपलब्धियां हासिल की, तो वहीं खस्ताहाल सड़कों ने कई लोगों को असमय ही काल का ग्रास बना लिया। महिला अपराधों की दृष्टि से क्षेत्र खासा चर्चाओं में रहा। साल के अंत में पौड़ी में बीए की छात्रा को जलाने की घटना ने पूरे जनपद को झकझोर कर रख दिया। कोटद्वार नगर निगम के चुनाव में राजनीति में काफी उठापटक देखने को मिली। भाजपा प्रत्याशी की जमानत तक जफ्त हो गई, तो कांग्रेस प्रत्याशी को भले ही जीत मिली हो, लेकिन इस चुनाव में कांग्रेस को भी लोहे के चने चबाने पड़े।
वर्ष 2018 में राज्य स्तर पर आयोजित होने वाले बर्ड फेस्टिवल को प्रभागीय स्तर पर लैंसडौंन वन प्रभाग में तीन दिवसीय बर्ड फेस्टिबल नौ नवंबर को शुभारंभ हुआ। बहुप्रतीक्षित लालढांग-चिलरखाल वन मोटर मार्ग का एक बार फिर शिलान्यास कार्यक्रम खासी चर्चाओं में रहा। इसको लेकर भाजपा और कांग्रेस में श्रेय लेने की होड़ भी दिखी। कण्वाश्रम में 25 करोड़ की लागत से विभिन्न योजनाओं का शिलान्यास किया गया। कार्बेट नेशनल पार्क के प्रवेश द्वारों और उत्तराखंड टूरिज्म एसोसिएशन के रिर्जोट का शिलान्यास किया गया, जिससे जल्द ही कार्बेट में जिले के कोटद्वार और दुगड्डा से प्रवेश किया जा सकेगा।
कोटद्वार नगर निगम के चुनाव के बाद नगर निगम बोर्ड का गठन हुआ। दो दिसंबर को मेयर और पार्षदों ने शपथ ली। हालांकि इस दौरान राजनीतिक पार्टियों में उठापटक और भीतरघात देखने को मिला। भाजपा में भीतर घात का असर सबसे ज्यादा दिखा। हालांकि कांग्रेस ने जीत दर्ज की, लेकिन जीत का अंतर बहुत कम होने के कारण कांग्रेस के लिए भी राजनीतिक लिहाज से इसे अच्छा नहीं कहा जा सकता।
सड़कें खस्ताहाल होने के कारण जनपद में दुर्घटनाओं के ग्राफ में खासी बढ़ोत्तरी हुई। 1 जुलाई 2018 को धुमाकोट बस हादसे ने लोगों को झकझोर कर रख दिया। दुर्घटना में 48 लोगों की मौत हो गई। इस दौरान विभिन्न सड़क हादसों में 70 लोगों ने अपनी जान गंवाई।
कानून व्यवस्था की बात करें इस साल मर्डर का एक मामला आया। इसके तहत तीन मई को ग्रास्टनगंज के जंगल में गदेरे में पेंटर का शव बरामद हुआ। हालांकि पुलिस ने इस हत्याकांड का खुलासा कर दिया था। इस वर्ष चोरी की 27 वारदातें हुई हैं, जिसमें अक्टूबर और नवंबर माह में हुई आठ चोरियों के मामले में पुलिस के हाथ अभी भी खाली हैं। बलात्कार के सात मामलों में पुलिस ने पांच मामलों में कार्रवाई करते हुए आरोपियों की गिरफ्तार कर लिया। इसमें नगर की एक युवती से भाबर क्षेत्र के चार युवकों द्वारा ब्लैकमेल कर एक साल से बलात्कार करने, हल्दूखाता के एक गांव में युवती से बलात्कार और लिव इन रिलेशन के तहत किशोरी से बलात्कार का मामला सुर्खियों में रहा।
इस साल गुमशुदगी के 20 मामले दर्ज हुए, जिसमें से पुलिस ने 19 को वर्क आउट कर लिया। एक मामले में सफलता नहीं मिल पाई। हत्या के प्रयास के मामले में दो मुकदमें दर्ज हुए, जिसमें पुलिस ने दोनों मामलों में आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफल रही। कोतवाली पुलिस ने गत वर्ष आर्म्स एक्ट के 31 मामले दर्ज किए थे, वहीं इस वर्ष 42 मामले दर्ज किए गए।
आबकारी के पिछले वर्ष 42 मामले दर्ज किए गए, वहीं इस वर्ष 45 मामले दर्ज हुए, जिसमें पुलिस को कोई बड़ी सफलता नहीं मिल पाई। मोटर व्हीकल एक्ट के तहत पुलिस ने खूब राजस्व वसूली की। इस दौरान पिछले वर्ष के 22,277 मामलों के सापेक्ष इस वर्ष 31,573 चालान काटे गए। हालांकि पुलिस इसके बाद भी लोगों को हैल्मेट पहनने के लिए प्रोत्साहित नहीं कर पाई।
सात अगस्त को रिखणीखाल ब्लॉक के गाड्यू गांव में रश्मि दहेज हत्याकांड का मामला और 16 दिसंबर को पौड़ी के पल्ली गांव की नेहा का पेट्रोल छिड़ककर जलाने की घटना ने पूरे जनपद को शर्मशार किया।
पिछले साल की तरह इस साल भी 25 अगस्त को आई आपदा में लोगों पर कहर बनकर बरपी। पनियाली गदेरे ने जहां पिछले साल पांच लोगों को काल का ग्रास बनाया, वहीं इस साल एक महिला को काल का ग्रास बनाया। इस साल हाथी के हमले में दो लोगों ने जान गंवाई। वनकर्मी के साथ मारपीट का मामला भी खासा चर्चाओं में रहा। जबकि जुलाई माह में वन विभाग ने बड़ी सफलता हासिल की। इस दौरान पुलिस ने भालू पित्त, कस्तूरा और 50 नग समेत चमोली जनपद के दो युवकों को गिरफ्तार किया।