भूपेन्द्र कुमार
अतिक्रमण पर कार्यवाही के बजाय पुलिस ने गायब की नगर निगम की अतिक्रमण हटाने संबंधी फाइल।
देहरादून में अतिक्रमण को इतना सरकारी संरक्षण हासिल है कि प्रभावशाली लोग सरकारी सड़कों को कब जाने में भी नहीं हिचक रहे।
यह लोग इसलिए भी नहीं हिचक रहे क्योंकि इन्हें पुलिस प्रशासन का बराबर संरक्षण हासिल है।
उदाहरण के तौर पर एक सरकारी सड़क पर ही एक राजेंद्र बिष्ट नाम के दबंग व्यक्ति ने कब्जा कर लिया तो स्थानीय लोगों की शिकायत पर इस संवाददाता ने उत्तराखंड के राज्यपाल को पत्र लिखा।
राज्यपाल ने कार्यवाही के लिए नगर निगम को कहा। नगर निगम ने अपनी जांच में अतिक्रमण को सही पाते हुए अतिक्रमण हटाने के लिए पुलिस फोर्स की जरूरत बताते हुए देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखा।
नगर निगम ने मांगा था पुलिस बल,पुलिस ने दी है रिसीविंग
नगर निगम ने 22 फरवरी को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को एक पत्र लिखा तथा इस पत्र में बताया कि धर्मपुर स्थित राजेंद्र सिंह बिष्ट नामक व्यक्ति ने सरकारी सड़क पर अवैध रूप से अतिक्रमण कर रखा है और निगम के पटवारी ने अपनी जांच में पाया कि अतिक्रमण कारी द्वारा काफी अतिक्रमण किया गया है। इस अतिक्रमण को ध्वस्त करने के लिए 27 फरवरी की तिथि नियत की गई थी तथा एसएसपी से 27 फरवरी को 10:30 बजे पुलिस बल उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया था।
किंतु जब कई दिन बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई तो इस संवाददाता ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कार्यालय में सूचना के अधिकार के अंतर्गत नगर निगम द्वारा भेजे गए पत्र पर हुई कार्यवाही का ब्यौरा मांग लिया।
एसएसपी कार्यालय के लोक सूचना अधिकारी परमेंद्र डोभाल ने बताया कि नगर निगम द्वारा भेजा गया ऐसा कोई पत्र उनके अभिलेखों में धारित नहीं है, जबकि नगर निगम द्वारा एसएसपी को लिखे गए उपरोक्त पत्र में एसएसपी कार्यालय की रिसीविंग भी है।
पुलिस के पास नही है पत्र
यही नहीं नगर निगम के डिस्पैच रजिस्टर में भी एसएसपी कार्यालय को पत्र भेजे जाने का ब्यौरा दर्ज है इसके बावजूद लोक सूचना अधिकारी परमेंद्र डोभाल ने आरटीआई के जवाब में बताया कि उन्हें नगर निगम की ओर से ऐसा कोई पत्र नहीं मिला।
जब इस संवाददाता ने नगर निगम द्वारा अतिक्रमण हटाने के लिए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कार्यालय से पुलिस बल मंगाने संबंधी कार्यवाही का ब्यौरा मांगा तो नगर निगम ने सूचना के अधिकार के अंतर्गत वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कार्यालय को भेजे गए अपने पत्र की सत्यापित छाया प्रति तथा डिस्पैच रजिस्टर की छाया प्रति भी उपलब्ध करा दी।
डिस्पैच रजिस्टर मे दर्ज है पुलिस को भेजा पत्र
इससे यह साफ हो गया कि नगर निगम द्वारा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से पुलिस बल मांगने हेतु पत्र लिखा गया था और उन्हें भेजा भी गया था।
ऐसे में सवाल उठता है कि इस पत्र की प्राप्ति के बारे में एसएसपी कार्यालय गलत जानकारी क्यों दे रहा है !
कहीं ऐसा तो नहीं कि अतिक्रमण करने वाले दबंग व्यक्ति के प्रभाव में उक्त पत्र ही गायब करवा दिया गया है !
बहरहाल अब इस मामले की अपील आईजी अजय रौतेला के कार्यालय में की जा रही है।
देखना यह है कि मुख्य नगर अधिकारी विनय शंकर पांडे द्वारा भेजे गए पत्र के गायब होने की शिकायत पर आईजी अजय सौतेला, नगर निगम तथा राज्य सूचना आयोग क्या संज्ञान लेता है !