चैंपियनः विधायक या शार्पशूटर?
कुंवर को लगा बाहुबली बनने का ‘चस्का’
भाजपा विधायक की पिस्टल के आगे पुलिस नतमस्तक!
प्रमुख संवाददाता
हरिद्वार/देहरादून। उत्तराखण्ड में लंबे अर्से से खानपुर के विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन को बाहुबली बनने का चस्का लगा हुआ है।
राजेश शर्मा
कुंवर प्रणव चैंपियन द्वारा दिल्ली स्थित उत्तराखण्ड सदन में जिस तरह से एक टीवी चैनल के पत्रकार पर हमला करने की कोशिश की गई और उसे पिस्टल दिखा उसे जान से मारने की धमकी दी गई और उसे गालियां देकर अपनी खुली दबंगई दिखाई, उससे यह सवाल खड़े हो रहे है कि क्या कुंवर प्रणव चैंपियन एक विधायक है या एक शार्पशूटर?
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हैरान करने वाली बात है कि कुंवर प्रणव चैंपियन को लेकर जब एक चैनल में खबर उजागर हुई तो उसके रिपोर्टर को दिल्ली स्थित उत्तराखण्ड सदन के अपने कमरे में बुलाकर खानपुर विधायक ने जिस तरह से उसके साथ दबंगता दिखाते हुए गाली गलौच व उसे मारने के लिए अपना हाथ उठाया वह साफ दर्शा गया कि सच की आवाज को दबाने के लिए एक विधायक किस स्तर तक जा सकता है? रिपोर्टर का खुला आरोप है कि कुंवर प्रणव चैंपियन ने मेज पर फिल्मी स्टाइल मे पिस्टल रखकर उसे जिस तरह से गोली मारने की धमकी दी वह यह बताने के लिए काफी है कि कुंवर प्रणव चैंपियन किस तरह से अपनी दबंगई पर घमंड करते है। यह कोई पहला मामला नहीं जिसको लेकर चैंपियन चर्चा में है।
उल्लेखनीय है कि खानपुर से भाजपा विधायक कुंवर प्रणव चैंपियन राज्य बनने के बाद से ही चर्चाओं में बने रहने का उन्हें चस्का लगा हुआ है। अपने आपको राजा कहलाने के लिए उनमें जो ललक देखने को अकसर मिलती है उससे यहीं सवाल उठते है कि क्या इस लोकतांत्रिक युग में भी राजशाही जिंदा है? कुंवर प्रणव चैंपियन अपने काफिले में बंदूकधारियों को शामिल रखकर हमेशा यह दिखाने की कोशिश करते है कि वह उत्तराखण्ड में कितने बलवान है? कानून व्यवस्थाओं को तार-तार करने का उन्हें हमेशा शौक रहता है? चैंपियन द्वारा उत्तराखण्ड में कई बार पिस्टल से गोली चलाई गई लेकिन पुलिस का तमाम सरकारी सिस्टम उनपर नकेल कसने में हमेशा फिसड्डी ही दिखाई दिया?
सबसे आश्चर्यचकित बात यह है कि हर्ष फायरिंग करने के खिलाफ हमेशा मुकदमें कायम हुए उनके हथियार सीज़ कर उनका लाईसेंस निरस्त कराने के लिए जिले के कप्तान आनन फानन में डीएम को चिट्ठी लिख देते है। सवाल खड़े हो रहे है कि क्या हर्ष फायरिंग के लिए मात्र सफेदपोशों को ही खुली छूट मिल रखी है? अगर उत्तराखण्ड में पुलिस अफसरों ने आम और खास में कोई फर्क न करते हुए सबके लिए एक ही नजरिया अपनाया होता तो कुंवर प्रणव चैंपियन जैसे राजनेताओं के हथियार कबके थानों में सीज़ हो जाते? कुछ सप्ताह पूर्व चैंपियन ने अपनी ही पार्टी के विधायक को चीर कर रख देने की बात भी कही थी। कितने आश्चर्य की बात है कि एक तरफ तो भाजपा के दिग्गज नेता अनुशासन के कसीदे पढ़ते नहीं थकते वहीं दूसरी तरफ उनकी ही पार्टी का एक विधायक लगातार अनुशासनहीनता की सारी सीमाओं को लांघता जा रहा है। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी भाजपा से ही आते है और वह महात्मा गांधी को अपना आदर्श बताते है। वहीं उन्हीं की पार्टी से खानपुर विधायक कुंवर प्रणव चैंपियन उत्तराखण्ड की राजधानी में आकर महात्मा गांधी के खिलाफ अनर्गल बयानबाजी करते हुए यह कहते है कि भरतीय करेंसी से उनकी फोटो हटा देनी चाहिए, क्या यह पार्टी की नीतियों के खिलाफ बयानबाजी नहीं है? देशराज कर्णवाल और चैंपियन में चले वाकयुद्ध को तो प्रदेश भाजपा के दिग्गज नेताओं ने किसी तरह से दबा दिया लेकिन जिस तरह से अब चैंपियन ने एक न्यूज चैनल के रिपोर्टर को धमकाया है वह इसी सवाल को जन्म दे रहा है कि कुंवर आखिर में है क्या, विधायक या शार्पशूटर?