उत्तराखंड विधानसभा के विशेष सत्र के तीसरे दिन ऐतिहासिक पंचायती राज एक्ट का संशोधित बिल सदन में पारित हो गया है। अब दो बच्चों से ज्यादा वाले मां-बाप पंचायत चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।
पंचायत चुनाव लड़ने के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता हाईस्कूल पास रखी गई है। पंचायत चुनाव के लिए इस तरह का प्रावधान करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया है।
पंचायत चुनाव के लिए 300 दिन की बाध्यता भी समाप्त कर दी गई है। राज्यपाल की मंजूरी मिलते ही यह विधेयक तत्काल प्रभाव से लागू हो जाएगा
चुनाव लड़ने के लिए सामान्य वर्ग की शैक्षिक योग्यता जहां हाई स्कूल पास रखी गई है, वहीं महिला और एससी-एसटी के लिए आठवीं पास होना अनिवार्य है।
अब आने वाले पंचायत चुनाव इस एक्ट के आधार पर हो सकते हैं।
विपक्ष के हंगामे के कारण एक्ट पर व्यापक चर्चा नहीं हो सकी। विपक्षी दल नियम 310 में सीएम के करीबियों के स्टिंग पर चर्चा कराने की मांग को लेकर हंगामा करता रहा, वहीं संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि मामला न्यायालय में विचाराधीन होने के कारण सदन में इस पर चर्चा नहीं की जा सकती।
विपक्ष आखिर तक वेल में बैठा रहा और सरकार ने एक्ट पास कर दिया।फिर सदन अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गया।