पिथौरागढ़। उच्च हिमालयी क्षेत्र मल्ला जोहार में पैदल रास्ते जानलेवा बन गए है। पैदल पुल इस बार ग्लेशियरों के आने के बाद क्षतिग्रस्त हो गए है. जिन पर आर पार जाना अपनी जान को जोखिम में डालना जैसा है। अभी आवागमन कच्चे पुल व रास्तो से हो रहा है। बरसात के बढ़ते ही मल्ला जोहार के चाईना बार्डर में रहने वाले बारह गांव के लोग अपने घरो में कैद हो जाएंगे। बजट तो दो करोड़ सत्तर लाख रुपये सीसीएल मद में लोनिवि डीडीहाट में आए थे, लेकिन रसूखदार चंद ठेकेदारों को एकमुस्त भुगतान कर दिया गया। इस आपदाग्रस्त व ग्लेशियर आने से बदहाल क्षेत्र को एक ढेला तक नहीं मिला।
इस साल हिमालय क्षेत्र में रिकार्ड तोड़ बर्फ गिरी। हिम ग्लेशियरों के आने से पैदल रास्ते व पुल क्षतिग्रस्त हो गए थे। लोक निर्माण विभाग के डीडीहाट डीवीजन के पास इस क्षेत्र की जिम्मेदारी है। युवाओं के दल ने लीलम से मिलम तक साठ किमी की कठिन पैदल यात्रा कर मिलम पैदल मार्ग की बदहाल हालातों को बयां करने वाले तस्वीर भाजपा नेता जगत मर्तोलिया को सौपा। इनको देखते ही भाजपा ने लोनिवि डीडीहाट को निक्मापन व कमिशन का अड्डा करार दिया। इन तस्वीरों को देखे तो साफ दिखता है कि बिलजू, गोंखा, लास्पा, पांछू नदी पर बने पक्के पुल हिम ऐवलांच आने से चलने लायक नहीं बचे है। इन नदियों में पानी के बढ़ते ही पुल बह जाएंगे।
अचरज में डालने वाली बात यह है कि लोनिवि को न इन लाखो रुपये के पुलो को बचाने की चिंता है न ही स्थानीय जनता, टूरिस्ट व सेना के जवानों की। भाजपा नेता जगत मर्तोलिया ने आज लोनिवि के अधिक्षण अभियंता बीएन पांडे से मुलाकात कर ज्ञापन दिया। कहा कि एक सप्ताह में पैदल रास्तों व पुलो की मरमत के लिए बजट जारी नहीं हुआ तो लोनिवि डीडीहाट के ओफिस में तालाबंदी की कर दी जाएगी। कहा कि एआर, आपदा, सीसीएल मद में मिलने वाले बजट को एक ही सब डिविजन में खर्च करना गलत है। मुनस्यारी के दो सब डिविजन जो आपदा की मार झेल रहे है। वहां एक ढ़ेला तक नहीं दिया जा रहा है। एक साल पहले जुलाई 2018 में आई आपदा के भुगतान नहीं हो पाए है। मर्तोलिया ने कहा कि जेई, एई कुछ ठेकेदारों को पाटनर बनाकर गैर जरुरी कामो में बजट डालकर आरा न्यारा कर रहे है। दो साल के धेर्य के बाद कुछ नहीं सुधरा है, अब आंदोलन कर इनको बैनकाब किया जायेगा।