उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय में कुलपति परीक्षा की आंसर शीट की कोडिंग जैसे गोपनीय कार्यों को बाल मजदूरों से करवा रहे हैं।
जाहिर है कि बाल मजदूरों से काम लिया जाना न सिर्फ अपराध है बल्कि उत्तराखंड के भविष्य के साथ भी एक खिलवाड़ है। इसके लिए कुलपति, और रजिस्ट्रार सभी जिम्मेदार हैं।
अंदरूनी सूत्रों के अनुसार उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय में परीक्षा के बाद कोडिंग और अन्य गोपनीय कार्यों के लिए इन बाल मजदूरों को कुलपति लेकर आए हैं।
अंदर खाने विश्वविद्यालय के स्टाफ में भी इसको लेकर काफी आक्रोश देखा जा रहा है। पिछले कुछ समय से विश्वविद्यालय तथा संगठन महाविद्यालयों ने परीक्षा, स्टोर, पुस्तकालय, क्रीडा और वाणिज्य जैसे महत्वपूर्ण विभागों से योग्य एवं प्रशिक्षित अनुभवी कर्मियों को जबरदस्ती हटाकर उनके स्थान पर अयोग्य और कम शिक्षित लोगों को जिम्मेदारी दी है। विश्वविद्यालय में इस तरह की मनमानी की यह परंपरा सी बन गई है। इसका संज्ञान न तो शासन ले रहा है और न ही राजभवन !
बड़ा सवाल यह है कि गोपनीय कार्यों में बाल मजदूरों से काम लिए जाने के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ आखिर क्या कार्यवाही होगी !