कमल जगाती, नैनीताल
उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने विधायक देशराज कर्णवाल के जाति प्रमाण पत्र मामले में जांच कमेटी को अगस्त अन्त तक जांच कर रिपोर्ट न्यायालय में सौंपने को कहा है।
उच्च न्यायालय ने झबरेड़ा से बी.जे.पी.के विधायक देशराज कर्णवाल के जाति प्रमाण पत्रों को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका पर सुनवाई की।
न्यायालय ने जाँच कमेटी से उनके जाति प्रमाण पत्रों को 31 अगस्त तक जाँच कर रिपोर्ट देने को कहा है। मामले की सुनवाई मुख्य न्यायधीश रमेश रंगनाथन और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खण्डपीठ में हुई।
मामले के अनुसार हरिद्वार निवासी विपिन तोमर ने जनहित याचिका दायर कर कहा था कि देशराज कर्णवाल का जाति संबंधी प्रमाण पत्र फर्जी है। जिस क्षेत्र से वे अभी विधायक हैं, वह क्षेत्र आरक्षित क्षेत्र है।
याचिकाकर्ता का कहना है कि इस आधार पर उनके प्रमाण पत्रों की जाँच की जाए और उनकी विधायकी निरस्त की जाए। विधायक कर्णवाल ने उच्च न्यायालय के इस आदेश का स्वागत किया है। उन्होने कहा है कि वे पिछले 14 वर्षों से जाति सम्बंधित पीड़ा झेल रहे हैं। अब न्यायालय के आदेश के बाद 31अगस्त से पहले विपक्षियों को भी पता चल जायेगा कि देशराज कर्णवाल की जाति चमार है।
उन्होंने ये भी बताया कि इस सम्बन्ध में विधानसभा अध्यक्ष और मुख्यमंत्री से भी मुलाकात कर नाम के बाद जाति लिखने की मांग की जाएगी।