विश्व में तमाम विकसित अर्थव्यवस्थाओं में डायरेक्ट सेलिंग का क्षेत्र संगठित क्षेत्र में आ चुका है। ऐसे में गाइड लाइन के लिए किसी सक्षम व्यक्ति की सलाहकार समिति में भी सम्मिलित किए जाने की आवश्यकता महसूस की जा रही है।
स्किल डेवलपमेंट समिति कालसी के अध्यक्ष सुदेश तोमर ने कहा कि आज का दौर डायरेक्ट सेल्स सेक्टर का है। विकसित देशों में डायरेक्ट सेल्स सेक्टर में कंपनियों के साथ बेरोजगार, रोजगार, (सरकारी प्राइवेट) कर्मचारी भी अपने उत्पाद का जीएसटी टैक्स देने के बाद भी एक समय में दोनों कार्य करके ज्यादा इनकम भी की जा सकती है, इसीलिए डायरेक्ट सेल्स सेक्टर में भारत की कंपनियां भी कूद चुकी हैं। जैसे पतंजलि, वेस्टीज और विदेशी एमवे, फोरएवर लिविंग, टपर वेयर इत्यादि।
तोमर ने कहा कि आज और भविष्य का व्यवसाय डायरेक्ट सेलिंग को ही माना जा रहा है। जिस तरह से बहुराष्ट्रीय कंपनियों में विश्वभर में उत्पाद सबसे सस्ते दाम में बेचने की होड़ सी लगी हुई है। ऐसे में गाइड लाइन के लिए किसी को सलाहकार समिति में भी सम्मिलित किया जाना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार को उनकी जरूरत महसूस होती है वे वह सहर्ष इस कार्य करने को तैयार हैं। उन्होंने यह भी कि डायरेक्ट सेलिंग की गाइड लाइन हर सेक्टर के लोगों के लिए जरूरी हो चुकी है।
इसी कड़ी में कालसी निवासी लेखक सुदेश तोमर की डायरेक्ट बिजनेस सात दिनों में पुस्तक का लोकार्पण भी किया गया। सुदेश तोमर ने बताया कि इस पुस्तक में बिजनेस प्रारंभ करने के लिए एक से बढ़क एक टिप्स दिए गए हैं। महिला समूहों व युवा साथियों को चाहिए कि वह इस पुस्तक में दिए गए अनुभवों का लाभ उठाएं।