आज दिल्ली में संत समिति ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की जमकर आलोचना की। संत समिति का कहना है कि देवप्रयाग में खराब का प्लांट खोलने का निर्णय करके उत्तराखंड सरकार ने हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंचाई है।
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पवित्र नगरी देवप्रयाग में शराब फैक्ट्री खोले जाने को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा समर्थित अखिल भारतीय संत समिति ने आज सरकार की जमकर आलोचना की।
इस संगठन के महासचिव स्वामी जितेंद्र सरस्वती ने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है, कि देवप्रयाग जैसी पवित्र धर्म नगरी में उत्तराखंड सरकार ने शराब का प्लांट खोला है।
गौरतलब है कि स्वामी जितेंद्र सरस्वती विश्व हिंदू परिषद से भी संबद्ध हैं। टिहरी जिले के देवप्रयाग में भागीरथी और अलकनंदा मिलकर गंगा का संगम बनाती है। ऐसे में इस स्थान पर शराब का कारखाना खोले जाने से संतो को दर्द हुआ है।
संत समिति ने कहा कि उत्तराखंड की भाजपा सरकार से यह अपेक्षा नहीं थी। संत समिति ने कहा कि उन्होंने उत्तराखंड के भाजपा सरकार और अन्य नेताओं से मुलाकात करके बता दिया है कि यह हिंदू श्रद्धालुओं की भावनाओं के खिलाफ है। संत समिति ने मांग की है कि इस पवित्र धर्म नगरी से इस प्लांट को कहीं और शिफ्ट कर दिया जाए।
स्वामी सरस्वती ने कहा कि सरकार को तीर्थ स्थानों को अन्य पर्यटन स्थलों की तरह नहीं समझना चाहिए। गौरतलब है कि संतों के बढ़ते विरोध के कारण त्रिवेंद्र सरकार को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। कहीं ऐसा न हो कि शराब का यह नशा मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की कुर्सी को डगमगा दे !!