कमल जगाती, नैनीताल
उत्तराखण्ड के नैनीताल में चलने वाली ट्रॉली(केबल कार)में विगत दस वर्षों में 21,43,866(इक्कीस लाख, तैंतालिस हजार, आठ सौ छियासठ) देशी और विदेशी पर्यटकों ने सफर किया।
आर.टी.आई.की सूचना में कहा गया है कि वर्ष 2015-16 में सबसे ज्यादा 2,48,406(दो लाख, अड़तालीस हजार और चार सौ छह)लोगों ने ट्रॉली की यात्रा की है। सूचना के आधार पर ट्रॉली फायदे का सौदा साबित हो रही है।
हल्द्वानी निवासी आर.टी.आई.कार्यकर्ता हेमंत गौनिया ने कुमाऊं मंडल विकास निगम(के.एम.वी.एन.)के प्रबंध निदेशक को पत्र लिख रोप वे(ट्रॉली)से संबंधित सूचनाएं मांगी थी। बीती 24 सितंबर को दिए अपने जवाब में विभाग ने बताया कि ट्रॉली का निर्माण ऑस्ट्रेलिया की वोइस्ट अल्पाइन कंपनी द्वारा किया गया, जिसका उद्घाटन 16 मई 1985 को हुआ।
सूचना में कहा गया है कि ट्रॉली को एक चक्कर लगाने में सामान्यतः पांच मिनट का समय लगता है। ट्रॉली में बैठने का किराया 12 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए जी.एस.टी.समेत तीन सौ रुपया जबकि तीन से 12 वर्ष के बच्चों के लिए जी.एस.टी.समेत दो सौ रुपया रखा गया है। तीन से कम आयु वाले गोद के बच्चों को मुफ्त रखा गया है।
बताया गया है कि ट्रॉली की देखरेख और रख रखाव में वर्ष 2009 से अबतक ₹1,13,36,178/=(एक करोड़, तेरह लाख, छत्तीस हजार और एक सौ अठत्तर रुपया)लगा है। इस धनराशि को शासन से ना लेकर ट्रॉली प्रबंधन खुद कमाकर खर्च करता है।
हेमंत गौनिया द्वारा मांगी गई इस सूचना में खुलासा किया गया है कि 1984 से अबतक ट्रॉली के संचालन में कोई भी दुर्घटना में किसी की मृत्यु नहीं हुई है।