कांग्रेस शासन काल मे शिक्षा विभाग में हुए शिक्षकों के तबादलों में वर्तमान सरकार अपना रही दोहरी नीति।एक शासनादेश से हरदा राज मे शिक्षकों के हुए ट्रांसफर। प्राइमरी के निरस्त, बाकी के ओके। क्यों सरकार !
विद्यालयी शिक्षा उत्तराखंड में पूर्व में कांग्रेस सरकार के समय प्रारम्भिक /माध्यमिक शिक्षकों के स्थानांतरण किये गए स्थानांतरण शाासनादेश 1596/2016 दिनांक 21/11/2016 के तहत प्रारम्भिक शिक्षा के 350 तथा माध्यमिक के 3000 से अधिक शिक्षकों के स्थानान्तरण किये गए, जिसमे मंडल परिवर्तन का भी सरकार ने शिक्षकों को अवसर दिया था।
वर्षो से दूसरे मंडल में कार्य कर रहे शिक्षकों के लिए सरकार ने एक निर्णय लिया था, वर्तमान सरकार द्वारा उक्त शाासनादेश 1596 वर्ष 2016 को दोहरे मानदंड के तहत निरस्त किया जा रहा है। केवल प्रारम्भिक शिक्षकों के स्थानांतरण ही निरस्त किये जा रहे हैं, जबकि माध्यमिक शिक्षकों के नही।
जब शासनादेश एक(1596) ही है। तो फिर केवल निरस्तीकरण की मार प्रारम्भिक शिक्षकों को ही क्यों !
यह तो एक तुगलकी फरमान है। कुछ शिक्षषको का कहना है कि प्रारम्भिक शिक्षकों का मानसिक उत्पीड़न किया जा रहा है।
जबकि कुुुछ का कहना है कि सरकार को सभी के साथ समानता का व्यवहार करना चाहिए।