कमल जगाती/नैनीताल
उत्तराखण्ड के मैदानी क्षेत्रों के मंदिरों में विराजमान भगवानों को ठण्ड का एहसास होते ही उन्हें गर्म ऊनि कपड़े और शाल पहना दिए गए हैं। भगवानों के कमरों को गर्म रखने के लिए हीटरों की भी व्यवस्था की गई है।
कुमाऊं की बर्फीली ठंडी पहाड़ियों से बहने वाली ठंडी हवाओं ने मैदानी क्षेत्रों में भी तापमान को गिरा दिया है। उधमसिंहनगर जिले के किच्छा में बने मंदिरों में पुजारियों को जब ठण्ड का एहसास हुआ तो उन्हें लगा कि वहां विराजमान भगवानों को भी ठंड लग रही होगी। मैदानों में तापमान शून्य के आसपास पहुंचने के बाद वहां की सड़कें सूनी पड गई हैं, लोग अपने अपने घरों में घुस गए हैं। कोहरा पसरने के बाद सांस लेने में भी इंसानों को दिकत हो रही है।
पंडितों ने न केवल भगवानों को गर्म ऊनि कपड़े पहनाए बल्कि उनके कमरे में हीटर की भी व्यवस्था की है। कड़ाके की ठण्ड से बचाने के लिए हनुमान, गणेश, शिव, सरस्वती, साई बाबा आदि भगवानों को ऊनि कपड़े हाल में पहना दिए गए हैं। पंडित मुकेश पाण्डे ने बताया कि उन्हें ठण्ड लगी तो उन्हें भगवानों का भी ध्यान आया। भगवान ने प्रत्यक्ष रूप से उन्हें एहसास कराया कि उन्हें ठंड लग रही है और उन्हें भी कपड़े, शाल, चादर आदि पहनाए जाएं।