हरिद्वार/कुमार दुष्यंत
हरिद्वार में भाजपा विधायकों देशराज कर्णवाल व कुंवर प्रणवसिंह चैंपियन के मामले का पटाक्षेप होने के बाद अब भाजपा के दूसरे विधायक आपस में भिड़ गए हैं।इस विवाद में भाजपा विधायक यतीश्वरानंद के साथ मंत्री मदन कौशिक का भी नाम शामिल है।गुरुकुल महाविद्यालय की अरबों रुपए की भूमि पर वर्चस्व को लेकर आज स्वामी यतीश्वरानंद ने मंत्री पर आरोप लगाए।वहीं दूसरे पक्ष ने भी विधायक यतीश्वरानंद पर अनाधिकार संस्था की गतिविधियों में हस्तक्षेप का आरोप लगाया है।
हरिद्वार में मंत्री और विधायक की आपसी गुटबाजी गुरुवार को खुलकर सड़क पर दिखायी दी। मामला गुरुकुल की जमीन को लेकर है।जिसको लेकर विधायक यतीश्वरानंद व मंत्री खेमें के लोग पिछले दो साल से एक दूसरे के खिलाफ तलवारें चमका रहे हैं। इस भूमि पर कब्जे को लेकर उत्तराखंड बीजेपी विधायक ने कैबिनेट मंत्री पर अवैध कब्जा करने वालों को सरंक्षण देने का आरोप लगाया है। कब्जे के विरोध में विधायक स्वामी यतीश्वरानंद अपने समर्थकों के साथ आज भूख हड़ताल पर बैठ गए।कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक पर भाजपा के ही विधायक स्वामी यतीश्वरानंद ने आश्रमों की संपत्तियां हड़पने का आरोप लगाया है।
हरिद्वार के गुरुकुल महाविद्यालय में दो पक्षों में वर्चस्व की जंग पिछले दो साल से चल रही है।तब मंत्री खेमें के लोगों ने संस्था की समिति से यतीश्वरानंद को बाहर कर मदन कौशिक को संस्था का उप प्रधान चुन लिया था।उप प्रधान संस्था का महत्वपूर्ण पद है।तब विधायक यतीश्वरानंद ने मंत्री पर गुरुकुल की संपत्ति खुर्दबुर्द करने के लिए संस्था में घुसपैठ करने का आरोप लगाया था। मामला सड़क से न्यायालय तक जा पहुंचा था। आज एक पक्ष ने कार्यालय का ताला तोड़कर कार्यालय पर कब्जा जमा लिया।इसके बाद दूसरे पक्ष ने विधायक स्वामी यतीश्वरानंद के नेतृत्व में महाविद्यालय पहुंचकर हंगामा किया।तनाव की स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने पहले ही मौके पर पुलिस बल तैनात कर दिया था। इस दौरान विधायक समर्थकों की पुलिस के साथ धक्का मुक्की भी हुई। कब्जे के विरोध में स्वामी यतीश्वरानंद समर्थकों के साथ ही संस्था के केंद्रीय कार्यालय के बाहर भूख हड़ताल पर बैठ गए। विधायक स्वामी यतिस्वरानंद का कहना है कि मदन कौशिक का संरक्षण मिलने के कारण ही दूसरे पक्ष के लोगों ने उनकी गैरहाजिरी में ताले तोड़कर संस्था के कार्यालय पर कब्जा किया है। वहीं दूसरे पक्ष के लोगों का कहना है कि स्वामी यतिश्वरानंद को 2018 में संस्था विरोधी गतिविधियों के कारण निष्कासित कर दिया गया था और अब वह बिना अधिकार संस्था की गतिविधियों में हस्तक्षेप कर रहे हैं। दोनों की पक्ष एक-दूसरे पर जमीन हड़पने को लेकर विवाद उत्पन्न करने का आरोप लगा रहे हैं।फिलहाल महाविद्यालय में एहतियातन पुलिस बल तैनात है।