अनुज नेगी
जिले में सबसे बड़े सदन जिला पंचायत खुद ही घोटालेबाज हो जाए तो जिले में विकास कार्य कैसे होंगे। पर्वतजन न्यूज़ पौड़ी जिला पंचायत के घोटालों को लगातार उजागर कर रहा है। मगर घोटाले मे शामिल शासन प्रशासन सांस रोक कर बैठा है।
पहले जिला पंचायत में यह व्यवस्था थी कि जिला पंचायत सदस्य अपने क्षेत्र में सोलर लाइटों के लिए जिला पंचायत पौड़ी में प्रस्ताव रखेंगे, फिर जिला पंचायत अध्यक्ष उन्हें स्वीक्रृत करते थे। उसके पश्चात सोलर लाइटें उरेडा के माध्यम से लगाई जाती थी, जिसके कारण सोलर लाइटों की कीमत 6000 के करीब थी एवं उरेडा द्वारा उनका वार्षिक मेंटेनेंस किया जाता था। एवं अगर कोई सोलर लाइट खराब हो जाती थी तो तुरंत उन्हें उरेडा द्वारा ठीक किया जाता था।
उरेडा सरकारी उपक्रम है, इसलिए कम कीमत पर उच्च क्वालिटी की सोलर लाइटें लगाई जाती थी। तत्पश्चात् जिस जिला पंचायत क्षेत्र में सोलर लाइटें लगाई जाती थी, उस क्षेत्र का जिला पंचायत सदस्य अपने लेटरहेड पर कार्य पूर्ति का सर्टिफिकेट देता था, इसके बाद ही जिला पंचायत द्वारा भुगतान किया जाता था।
इसका फायदा यह था कि सोलर लाइटों को लगाने में भ्रष्टाचार की संभावना न के बराबर थी और कार्य पूर्ति सर्टिफिकेट देने से जिला पंचायत सदस्य की जवाबदेही भी तय हो जाती थी।
जिला पंचायत के भ्रष्ट कर्मियों द्वारा इस व्यवस्था को नकार कर नई व्यवस्था लागू करवाई गई, जिसमें उरेडा को नकार कर कोई भी ठेकेदार टेंडर प्रक्रिया में शामिल हो सकता था। चाहे उनका सोलर लाइट लगाने का अनुभव हो या न हो, जिला पंचायत सदस्यों को कार्य पूर्ति का सर्टिफिकेट देने की जरूरत भी नहीं थी।
हैरत की बात तो तब है, जब जिला पंचायतराज अधिकारी ने 11 जून 2018 को एक पत्र लिखकर सब विभागों को अवगत कराया कि कोई भी विभाग सोलर लाइटों को 13500 से ज्यादा कीमत पर ना खरीदें, मगर पौड़ी जिला पंचायत पौड़ी किसी शासनादेश को नहीं मानता, ये भ्रष्ट कर्मी अपने को शासनादेश से भी ऊपर मानते है।
इन भ्रष्ट कर्मचारियों के पार्टनरशिप वाले ठेकेदारों को ना तो सोलर लाइटें लगाने का अनुभव था और अगर कोई सोलर लाइट खराब हो जाती तो न ही इनके द्वारा वो ठीक ही की जा सकती थी। ये केवल बिचोलिये थे और इनके द्वारा केवल सोलर लाइटों की कीमतों को बढ़ाया गया और क्वालिटि को घटाया गया। आप खुद समझ सकते हैं कि जो सोलर लाइटें 6000 में लगती थी, वही लाइटें 19600 में लगवाई गई!
और तो और इनकी पार्टनरशिप वाले ठेकेदारों ने एक ही हैन्ड राईटिग में अपने टेंडरों को भरा। एक सोलर लाइट में 10000 से ज्यादा का मुनाफा इनके द्वारा कमाया गया !
सोलर लाइटें भ्रष्ट कर्मियों द्वारा अपनी पार्टनरशिप वाले ठेकेदारों को ही सारे टेंडर दिए गए। सारे टेंडर भी उत्तर भारत ई पेपर पर लगाए गए इनके अपनी पार्टनरशिप वाले ठेकेदारों के अलावा अन्य किसी ठेकेदार को इन टेंडरों का पता ही नहीं चल पाया। टेंडरों को लगाने में भी मनमानी की गई। एक ही दिन में एक ही क्रमांक नम्बर पर एक ही जिला पंचायत क्षेत्र में 2 टेंडर लगाए गए और दोनों में अलग अलग संख्या में सोलर लाइटें दर्शायी गई।
पौड़ी जनपद में सोलर लाइटें कई माध्यमों से लगवाई गई है, जैसे विधायक निधि, ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत, प्रमुख, सांसद निधि इत्यादि से इसलिए पौड़ी जिला पंचायत द्वारा बहुत कम जगहों पर सोलर लाइटें लगवाई गई और सारा पैसा भ्रष्ट कर्मचारियों और ठेकेदारों के गठजोड़ द्वारा खाया गया है।
इससे आप समझ सकते हैं कि किस कदर जिला पंचायत पौड़ी भ्रष्टाचार में पूरी तरह से डूब चुकी है और इसका बंटाधार करने का सारा श्रेय जिला पंचायत पौड़ी के भ्रष्ट कर्मियों को जाता है। इन भ्रष्ट कर्मचारियों द्वारा सोलर लाइटों में भी करोड़ों का घपला किया गया।
सभी पाठकों से निवेदन है कि किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार का खुलासा करने में तनिक भी न झिझकें। ये आपका पैसा है और क्षेत्र के विकास के लिए खर्च होना है। अगर आपके पास भी इनके भ्रष्टाचार से संबंधित कोई जानकारी है तो निसंकोच हमसे साझा करें।