उत्तरकाशी। राष्ट्रीय राजमार्ग उत्तरकाशी में कई नियमों को ताक पर रखकर सड़क निर्माण कार्य किया जा रहा है और राजस्व विभाग के नक्शे की अनदेखी की गई है।
यहां एक मामले में पूर्व में कार्यरत राजस्व लेखपाल को कुछ रसूखदार लोगों के द्वारा हाईजैक करके सबसे पहले मूल नक्शे में टेंपरिंग की गई। इसके बाद उस टेंपर्ड राजस्व मैप को आधार बनाकर तथा बीआरओ व प्राइवेट कंपनी के सर्वेयर को विश्वास में लेकर कुछ रसूखदार लोगों के द्वारा अपने चहेते लोगों की अवैध जमीन व अवैध मकानों को बचाने के लिए ऐसी एलईपी तैयार की गई, जिसमें सड़क के मोड़ को सीधा करने के बजाय और बढ़ा दिया गया। अवैध निर्माण व अवैध अतिक्रमण को छोड़ दिया गया, यह सारा अवैध निर्माण व अतिक्रमण सरकारी जमीन पर है।
अब प्रश्न यह है कि सरकारी जमीन को छोड़ आम नागरिकों की वैध भूमि को इस तरह अधिग्रहित कर जहां एक ओर सरकारी धन व खजाने का दुरुपयोग किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर गलत व टेंपर्ड नक्शे व एलईपी से अनजान आम गरीब भू स्वामियों को रोडसाइड की कमर्शियल भूमि से भी वंचित किया जा रहा है, जिससे उन गरीब काश्तकारों के बेरोजगारों की स्वरोजगार की भविष्य की आशा पर भी पानी फेरा जा रहा है।
नाम गोपनीय रखने की शर्त पर कुछ लोगों के द्वारा जानकारी दी गई कि डुंडा के सैनि नामक तोक के पास, मातली में आइटीबीपी गेट, मातली गांव के क्रिश्चियन अकेडमी के निकट, एंजेल एकेडमी के निकट, शिव कावड़ अंबेडकर भवन के निकट आदि स्थानों पर इस तरह से गलत भुगतान कर इन कार्यों को अंजाम दिया गया है।
अंबेडकर भवन के पास तो एक ऐसे व्यक्ति को भुगतान किया गया है, जिसकी भूमि मूल सड़क से 50 मीटर दूर है। दोबाटा मातली के पास इसी तरह 45 लाख का भुगतान एक पूरे मकान का करवाया गया। वह भी मात्र एक कॉर्नर के लिए, जो आवश्यक भी नहीं था, इसी तरह से एक भूस्वामी को 80 हजार का जबरन भुगतान कर गलत बनी एलइपी के आधार पर उसकी वैध जमीन का अधिग्रहण करा लिया गया, जबकि उक्त स्थल पर सरकारी जमीन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है तथा एनएच का मोड को सरलता से सीधा किया जा सकता था। इस स्थान पर तो राजस्व विभाग के मूल नक्शे में दर्शित सड़क व एलाइनमेंट का पूरी तरह से उपेक्षा की गई है। इन सारे प्रकरणों पर यदि गंभीरता से जांच होगी तो कई चौंकाने वाले मामले सामने आ सकते हैं। सरकार यदि समय रहते नहीं चेते तो सितारगंज एनएच प्रकरण के जैसे ही घोटाले की पूर्ण संभावना है।
जब इस संबंध में एसडीएम डुंडा से जानने की कोशिश की गई तो उन्होंने फोन नहीं उठाया।