आ बैल , मुझे मार !
कोरोना महामारी में लाखों की आबादी वाले हरिद्वार जनपद के सेंपल टेस्ट रोकना लापरवाही है या खिलवाड़ !
– भूपत सिंह बिष्ट
उत्तराखंड में एक दिन में कुल 62 केस सामने आए हैं और अब टोटल कोरोना संक्रमित का आंकड़ा 1215 हो गया है। इसके साथ ही 344 मरीज ठीक हो गए। किंतु सबसे चौंकाने वाला आंकड़ा हरिद्वार को लेकर है। हरिद्वार की स्थिति निरंतर चिंताजनक होती जा रही है।
उत्तराखंड में कोरोना महामारी ने सरकार के भी हाथ पैर फूला रखे हैं। थाली, ताली, फूल, दीया , भाषण से लेकर गीत, संगीत, नृत्य व जागर से भी कोरोना थमने में नहीं आ रहा है। कभी तबलीगी, अब प्रवासी किन – किन पर दोष नहीं मढ़ा गया लेकिन सब व्यर्थ है। अब कोरोना के साथ जीने की आदत डालने की बात हो रही है।
हिमाचल राज्य आंकड़ों में हम से अच्छा कर रहा हैं – कुल टेस्ट 42658, परिणाम 41653, लंबित 622 और 383 कोरोना पोजिटिव और सक्रिय मामले 199 हैं।
उत्तराखंड कुल टेस्ट सैंपल 35117, परिणाम 27238, लंबित 7879, कोरोना पोजिटिव 1153, मौत 10, सक्रिय मामले 846 हैं। बिलकुल साफ है – जितने अधिक टेस्ट परिणाम, कोरोना को ढ़ूडना और थामना उतना ही आसान हो जाता है क्योंकि कोरोना वायरस को मारने की दवाई फिलहाल पोजिटिव मरीज को स्वस्थ लोगों से दूर आइशोलेसन या क्वरंटीन में रखकर हम हरा पा रहे हैं। मरीजों में कोरोना प्रतिरोधकता बढ़ाने का प्रयास हमारे डाक्टर व मेडिकल स्टाफ अपनी जान जोखिम में डालकर कर रहे हैं।
आज देश में कोरोना मामले 226,770 और मौत 6348 के साथ एशिया में पहले और विश्व में सातवें स्थान पर हैं। हम से पहले अब इटली व स्पेन हैं। महाराष्ट्र, तमिलनाडु, दिल्ली व गुजरात में कोरोना की मारक क्षमता शिखर पर बनी हुई है।
देश में उत्तराखंड 19 वें स्थान पर है। हम से पहले 18 वें स्थान पर केरल अपने कोरोना प्रतिरोधक माडल के लिए विश्व में चर्चित है। केरल में आज कुल कोरोना पोजिटिव 1588, सक्रिय मामले 884 व 14 मौत हुई हैं। सबसे पहले जनवरी माह में कोरोना वायरस ने केरल में पांव पसारे हैं। केरल के निवासी देश – विदेश में नौकरी करते हैं और अब उत्तराखंड वासियों की तरह कोरोना संक्रमण के दौरान अपने घरों को लौट रहे हैं।
हरिद्वार में कोरोना की लड़ाई
कोरोना बुलेटिन के आंकड़ों के अनुसार उत्तराखंड के सबसे बड़े जनपद हरिद्वार में कोरोना की लड़ाई धीमी गति में है। 2011 की जनगणना के अनुसार हरिद्वार की जनसंख्या 19 लाख 27 हजार से अधिक है। दूसरे स्थान पर देहरादून 16 लाख 98 हजार से अधिक व तीसरे पर उधमसिंह नगर 16 लाख 48 हजार से अधिक है। नैनीताल 9 लाख 55 हजार से अधिक , पौड़ी गढ़वाल 6 लाख 86 हजार से अधिक और टिहरी 6 लाख 16 हजार से अधिक बड़े जनपद हैं। यह जनसंख्याा कोरोना महामारी के दौरान जनपदों को रेड, ओरेंज व ग्रीन श्रेणी मे रखने में विशेष भूमिका निभाती है।
कोरोना मामलों में आज देहरादून , नैनीताल , टिहरी, हरिद्वार और उधम सिंह नगर सबसे अग्रणी बने हुए हैं।
रेड जोन के मानक
कोरोना संक्रमण के दौरान रेड ज़ोन रखने के लिए जनपद में छह मानक देखे जाते हैं – जहां सक्रिय कोरोना मामले 200 या अधिक हों। सक्रिय मामले प्रतिलाख 15 से अधिक हो। कोरोना पोजिटिव 14 दिन से कम में डबल हो रहे हैं। मृत्यु दर 6 प्रतिशत या अधिक हो। सेंपल पोजिटिव रेट 6 प्रतिशत से अधिक हो। टेस्टिंग अनुपात 65 प्रति लाख में कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है।
18 मई को सरकार ने हरिद्वार को इन्हीं मानकों के आधार पर ग्रीन जोन में रखा था। तब वहां कोरोना केस 7 थे लेकिन सभी ठीक हो चुके थे।
25 मई को हरिद्वार में कुल कोरोना मामले 17 और सक्रिय मरीज 10 हो गए सो हरिद्वार ग्रीन से ओरेंज जोन में आ गया।
27 मई को कोरोना मामले 35 और सक्रिय मामले 28 हो गए यानि मामले दो दिन में डबल हो गए और यह लाल जोन का मानक है। लेकिन जनसंख्या सक्रिय प्रति लाख में यह दर दो से नीची रही और सेंपल पोजिटिव रेसो भी एक से ज्यादा और मृत्यु दर शून्य बनी रहने से मानक ओरेंज जोन के ही बने हुए हैं।
31 मई को हरिद्वार में कुल कोरोना मामले 66 व सक्रिय 59 होने से सेंपल पोजिटिव अनुपात 2 से ज्यादा और प्रति लाख सक्रिय मामले 3 से अधिक हो गए।
1 जून को कोरोना मामले 76 व 2 जून को 77 और सक्रिय मामले 70 रहे लेकिन 3 जून को हरिद्वार में कोरोना मामले बढ़कर 86 हो गए और 13 मरीज ठीक होने से सक्रिय मामले 73 रह गए हैं। अब प्रति लाख सक्रिय कोरोना 4 के आसपास है और पोजिटिव सेंपल अनुपात में आंशिक कमी हुई है।
25 मई से 31 मई के बीच हरिद्वार में औसतन 177 सेंपल प्रतिदिन लिए गए हैं लेकिन टेस्ट परिणाम की दर मात्र 73 प्रतिदिन रही है। रोजाना सेंपल लंबित रहने की दर 104 प्रतिदिन होने से 25 मई को पैंडिंग टेस्ट 1999 बढ़कर 31 मई को 2544 हो गई। विचित्र बात यह है कि 31 मई को हरिद्वार में कुल टेस्ट परिणाम 3036 के आए थे और 2544 सेंपल पैंडिंग हो गए। यह अनुपात 27: 23 का है यानि 27 टेस्ट हुए और 23 के परिणाम आने हैं।
1 जून से 4 जून के बीच सेंपल लेने की औसतन चार दिनों में 203 की रही लेकिन टेस्ट परिणाम की दर 92 के आसपास है। लंिबत सेंपल 2616 से 2990 हो चुके हैं। अब कुल टेस्ट परिणाम 3355 मिले हैं और 2990 के आने हैं। यानि कुल टेस्ट का 47 प्रतिशत तक लंबित हो गया है।
कम टेस्ट चिंताजनक
प्रदेश के सबसे बडे़ लगभग 20 लाख आबादी वाले हरिद्वार जनपद में 28 मई को 30, 29 मई को 27, 31 मई को 48, 2 जून को 25 व 4 जून को 37 कोरोना टेस्ट हो पाये हैं। ऐसे में कोरोना की लड़ाई कैसी लड़ी जा रही है।
अब यह भी आशंका है कि पिछले 11 दिनों में औसतन 2000 सेंपल क्या सुरक्षित हैं ? इतनी बड़ी तादात के सेंपल का टेस्ट क्या जल्दी हो पायेगा ? 20 लाख की आबादी में कोरोना की जांच को रोके रखना उचित है, जबकि यह सड़क व रेल का मुख्य मार्ग है। क्या यह सारी कवायद हरिद्वार को रेड जोन से बचाने के लिए राजनीति के तहद हो रहा है या हमारी लैब क्षमता दयनीय है। खैर कुछ भी हो अब हरिद्वार में कोरोना का सही आंकड़ा पूरे टेस्ट परिणाम आने के बाद स्पष्ट होना है।