कमल जगाती, नैनीताल
जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में पेट्रोलिंग के दौरान शहीद हुए यमुना प्रशाद पनेरू के परिवार में कोहराम मच गया है । यमुना के घर में रिश्तेदारों और पड़ोसियों के तांता लग गया है।
बाईट :- चंद्र प्रकाश पनेरू, शहीद के भाई
उत्तराखण्ड में नैनीताल जिले के हल्द्वानी का रहने वाला 39 वर्षीय यमुना प्रशाद पनेरू की प्राथमिक शिक्षा मिनजंगडार गांव से हुई । इसके बाद पोस्टल विभाग में कार्य करने वाले उनके बड़े भाई चंद्र प्रकाश पनेरू उन्हें आगे की शिक्षा के लिए हरिद्वार ले गए।
इस बीच रानीखेत में हुई सेना भर्ती में यमुना वर्ष 2002 में भर्ती हो गए। यमुना की वर्ष 2010 में ममता से शादी हुई । उनका एक 7 वर्षीय लड़का और 3 वर्षीय लड़की है। सिक्स कुमाऊं में सूबेदार यमुना कुशल पर्वतारोही भी थे। वो एवेरेस्ट फतह करने वाले सिक्स कुुमाऊँ के पहले फौजी बने। इसके अलावा उन्होंने कंचनजंगा, नन्दा देवी, के2 आदि हिम श्रृंखलाओं को आसानी से पार किया था।
उनके बड़े भाई चंद्र प्रकाश पनेरू ने बताया कि यमुना की यूनिट से आए फोन से जानकारी मिली कि पेट्रोलिंग के दौरान जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में शहीद हो गए हैं। बताया कि यमुना, बंगाल के पर्वतारोहण स्कूल का इंस्ट्रक्टर भी रहे हैं । कहा कि पिता की वर्ष 2004 में ही मृत्यु हो गई थी और तभी से वो यमुना व उनके परिवार की देखरेख करते हैं। चंद्र प्रकाश ने ये भी बताया कि यमुना पिछली बार 30 अक्टूबर 2019 को हल्द्वानी से कश्मीर को लौटे थे। उन्हें अप्रैल में आना था लेकिन लॉक डाउन के कारण नहीं आ सके।
परिजनों ने यमुना के शहीद होने पर तो नाज़ किया लेकिन देश के लीडरों से पाकिस्तान को धूल चटाने को कहा है।