स्टोरी(कमल जगाती, नैनीताल):-
उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने हरिद्वार में कुम्भ मेला शुरू होने के कारण यू.के.एस.सी.और राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा इस दौरान परीक्षाओं को स्थगित करने के लिए दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पेश की गई बेवजह की दलीलों को निरस्त कर याचिकाकर्ता पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाते हुए जनहित याचिका को खारिज कर दिया है। न्यायालय ने यह भी कहा है कि इस रकम को अधिवक्ता कल्याण बोर्ड में जमा किया जाए। मामले के अनुसार कुलदीप रतूड़ी ने जनहित याचिका दायर कर कहा कि राज्य में 11 मार्च से 30 अप्रैल तक कुम्भ मेला चल रहा है । इस दौरान राज्य लोक सेवा आयोग व अधीनस्थ चयन आयोग ने प्रदेश के लिए विभिन्न पदों पर परीक्षाओ की तिथि तय की है। याचिकाकर्ता का यह भी कहना है कि कुंभ मेले के दौरान शाही स्नान के कई पर्व आ रहे हैं, लिहाजा इन परीक्षाओं की तिथि को स्थगित किया जाये ।मामले की शुक्रवार को सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश आर.एस.चौहान और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने बेवजह की दलीलों को निरस्त करते हुए याचिका को खारिज कर दिया और याचिकाकर्ता पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है ।